यमक अलंकार (Yamak Alankar)- नमस्कार दोस्तो ! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट AKstudyHub में आज हम आपके लिये हिंदी के महत्वपूर्ण अध्याय अलंकार के (यमक अलंकार – यमक अलंकार की परिभाषा | यमक अलंकार के उदाहरण | Yamak Alankar | Yamak alankar ke udaharan) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
आज हम कोई भी प्रतियोगी परीक्षा देने जाएं तो हमे अलंकार से जुड़े एक या दो नम्बर के प्रश्न जरूर पूंछे जाते है, आज हम यमक अलंकार को विस्तार पूर्वक जानने की कोशिश करेंगें।
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साधारणता जहाँ शब्दों/शब्दांशों / वाक्यांशों की आवृत्ति हो, किन्तु उनके अर्थ भिन्न हों, वहाँ यमक अलंकार होता है।
यमक अलंकार एक उदाहरण सभी विद्यर्थियों को भली भांति याद होगा जो कि है –
कनक- कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय। या खाए बोराय जग, वा पाए बौराय।।
यमक अलंकार की परिभाषा
यमक शब्द का अर्थ होता है- दो, जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है। अर्थात यमक’ एक शब्दालंकार है। यमक का अर्थ होता है—’युग्म’ अर्थात् ‘जोड़ा’। इसमें भिन्न अर्थ के साथ किसी वर्ण अथवा शब्द की आवृत्ति होती है। अतः जहां एक ही वर्ण का प्रयोग बार बार हो और उनके अर्थ अलग अलग हो वहाँ यमक अलंकार होता है।
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जहाँ भिन्न-भिन्न अर्थों वाले शब्दों की आवृत्ति हो वहाँ यमक अलंकार होता है।
इकली डरी हाँ, घन देखि के डरी हाँ, खाय बिस की डरी हाँ घनस्याम मरि जाइ हौं ।
ऊपर के पद में 'डरी' तीन बार आया है - अर्थ भित्र-भित्र हैं। पहली डरी का अर्थ पड़ी है, दूसरी डरी का अर्थ 'भयभीत' है तथा तीसरी डरी का अर्थ विष की डली या टुकड़ी है।
यमक अलंकार के उदाहरण | Yamak alankar ke udaharan
यमक अलंकार के उदाहरण | Yamak alankar ke udaharan : हम आपको यमक अलंकार के कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण बता रहे जो परीक्षा की दृष्टिकोण से वेहद जरूरी है।
यमक अलंकार के उदाहरण | उदाहरण का अर्थ या व्याख्या |
आंख लगती है तब आंख लगती ही नही. | यहाँ एक बार ‘आंख लगती’ का अर्थ प्यार होना, जबकि दूसरी बार ‘आंख लगती ही ‘नहीं’ का अर्थ – नींद न आना है. |
जिसकी समानता किसी ने कभी पायी नहीं, पायी के नहीं अब वे ही लाल माई के | | इस उदाहरण में सारंग शब्द एक है पर हर बार इसका अर्थ भिन्न है यहां सारंग के अर्थ – घड़ा,सुंदरी, वर्षा, वस्त्र, सरोवर है. |
काली घटा का घमंड घटा | घटा ‘वर्षा की घटा’, घटा ‘कम हुआ’ |
सजना है मुझे सजना के लिए | एक सजना का अर्थ – श्रृंगार करना, दूसरे सजना का अर्थ – प्रियतम, प्रेमी, पति |
भजन कहयौ ताते भज्यो, भज्यो नएको बार | भज्यो – भजन किया, भज्यो भाग किया |
यमक अलंकार के 10 उदाहरण
हम आपके लिये यमक अलंकार के 10 उदारण एक तालिका के माध्यम से दर्शा रहे है जिनका आप अध्यन जरूर करें यह आपके लिये बहुत उपयोगी साबित होंगे।
क्रमांक | यमक अलंकार का उदाहरण | उदाहरण के अर्थ या व्याख्या |
1 | रति-रति शोभा सब रति के सरीर की | रति -रति- जस सी, रति कामदेव की पत्नी |
2 | कई कवि बेनी, बेनी ब्याल की चुराई लानी | बेनी- कवि, बैधी चोटी |
3 | सपना सपना समझकर भूल न जाना | यहाँ एक सपना शब्द का अर्थ- किसी का नाम, तथा दूसरे सपना शब्द का अर्थ – रात में आने वाला स्वप्न |
4 | तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है। | तीन बेर तीन बेर के दाने, – तीन बेर तीन बार |
5 | माला फेरत जुग भया, मिटा ना मनका फेर कर का मनका डारि के मन का मनका फेर।। | मनका माला का – दाना, मन का – हृदय का |
6 | पास ही रे हीरे की खान, खोजता कहां और नादान | इसे वाक्य में हीरे (होना) और दूसरे हीरे का मतलब आभूषण है और यहां निकट ही हीरे की खान है फिर भी लोग भटकते हैं का मतलब है। |
7 | तब हार पहार से लागत है, अब आनि के बीच पहार परे | इस वाक्य में एक पहार (पर्वत) और दूसरे पहार का मतलब विशाल है। |
8 | तेलनि तुलनि पूछ जरि, जरी लंक जराई जरी | इस वाक्य में एक जरी (जल गई) और दूसरी जरी का मतलब जड़ी हुई है। |
9 | जीवन का अंतिम धेय स्वयं जीवन है | इस वाक्य में जीवन (श्वास लेता शरीर) और दूसरे जीवन का मतलब संघर्ष बताया गया है। |
10 | लहर-लहर कर यदि चूमे तो, किंचित विचलित मत होना | इस वाक्य में लहर (तूफान) और दूसरे लह का मतलब संघर्ष से है, इसलिए यहां यमक अलंकार है। |
यमक अलंकार के 20 उदाहरण
यहाँ पर हम आपके लिये यमक अलंकार के 20 उदाहरण लेकर आये है जो आने बाली परीक्षा में पूंछे जा सकते है।
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क्रमांक | यमक अलंकार के उदाहरण |
1 | ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी । ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है। |
2 | कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी |
3 | भर गया जी हनीफ़ जी जी कर, थक गए दिल के चाक सी सी कर । यों जिये जिस तरह उगे सब्ज़, रेग जारों में ओस पी पी कर ।। |
4 | केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगली की मूक प्यास |
5 | बरजीते सर मैन के, ऐसे देखे मैंन हरिनी के नैनान ते हरिनी के ये नैन। |
6 | तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान। तू मोहन के उर बसी हे उरबसी सामान। |
7 | जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं। |
8 | काली घटो का घमंड घटा। |
9 | तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है। |
10 | ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी । ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती है ।। |
11 | किसी सोच में हो विभोर साँसें कुछ ठंडी खिंची। फिर झट गुलकर दिया दिया को दोनों आँखें मिंची।। |
12 | माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर कर का मनका डारि दै, मन का मनका फेर ।। |
13 | माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर |
14 | कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय । या खाए बौरात नर या पा बौराय ।। |
15 | ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहनवारी ऊँचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैं। कंद मूल भोग करें कंदमूल भोग करें तीन बेर खाती ते बे तीन बेर खाती हैं। भूखन सिथिल अंग, भूखन सिथिल अंग बिजन डोलाती ते बे बिजन डोलाती हैं। |
16 | पास ही रे! हीरे की खान उसे खोजता कहाँ नादान? |
17 | जेते तुम तारे तेते नभ में न तारे हैं। |
18 | कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी । |
19 | माला फेरत जुग गया, फिरान मन का फैर । कर का मनका डोरि दे, मन को मनका फेर।। |
20 | केकी-रव की नूपुर ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास |
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अलंकार | भ्रांतिमान अलंकार |
अनुप्रास अलंकार | अतिश्योक्ति अलंकार |
यमक अलंकार | अनन्वय अलंकार |
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श्लेष अलंकार | दृष्टांत अलंकार |
रूपक अलंकार | रस |
उत्प्रेक्षा अलंकार | समास |
यमक अलंकार के महत्वपूर्ण प्रश्न FAQs
यमक अलंकार क्या है ?
एक शब्द एक से अधिक बार आवे और हर बार अलग-अलग अर्थ निकले, वहाँ यमक अलंकार होता है। अर्थात जब कविता में एक शब्द दो या दो से अधिक बार आये और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो वहां यमक अलंकार होता है. जैसे कनक- कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय या खाए बौराय जग, वा पाए बौराय ।।
यमक अलंकार कैसे पहचाने?
जब एक ही श द यादा बार योग हो पर हर बार अथ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है। जैसे जैसे :- कनक कनक ते सौगुनी, मादकता अधकाय वा खाये बौराए नर वा पाये बौराये अलंकार दोश द 9 से मलकर बना है पुनः +उ
काली घटा का घमंड घटा किसका उदाहरण है?
उपर्युक्त पंक्ति में यमक अलंकार है।
अलंकारों की संख्या कितनी है।
हिंदी में मुख्य रूप से सात अलंकार होते है। अनुप्रास, उपमा, यमक, रूपक, श्लेष, अतिशयोक्ति और उत्प्रेरित अलंकार। सबसे अधिक प्रयोग होने वाला अलंकार अनुप्रास, उपमा, यमक और अतिश्योक्ति अलंकार है। अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है।
एक ही शब्द जब 2 बार आए तो उसे क्या कहते हैं?
एक ही शब्द, जब दो या दो से अधिक बार आये तथा उनका अर्थ अलग- अलग हो, तो वहाँ पर यमक अलंकार होता है।
आशा करते आपको हमारा लेख यमक अलंकार (Yamak Alankar | Yamak alankar ke udaharan) पसन्द आया होगा, अगर आप दी हुई जानकारी से सन्तुष्ट है तो कॉमेंट के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दे सकते है। धन्यवाद…