Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार : नमस्कार दोस्तों ! आज हम अर्थालंकार के महत्वपूर्ण अंग Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार के बारे में जानेंगे, हम अनन्वय अलंकार की परिभाषा, उदाहरण और सभी उदाहरणों की व्याख्या करेंगे।
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अनन्वय अलंकार का अर्थ
जहाँ उपमेय की तुलना करने के लिए कोई उपमान न हो और उपमेय को ही उपमान बना दिया जाता है, तब वहाँ ‘अनन्वय अलंकार‘ होता है।
जब किसी वस्तु को अधिक उत्कृष्ट दिखाना होता है तब यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके समान कोई अन्य वस्तु है ही नहीं। अर्थात् जहां उपमेय को ही उपमान बना लिया जाए, तो वहां Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार‘ होता है
अनन्वय अलंकार की परिभाषा
काव्य में जहाँ उपमान के अभाव के कारण उपमेय को ही उपमान बना दिया जाए वहाँ ‘अनन्वय अलंकार’ होता है।
उदाहरण नागर नन्दकिसोर से नागर नन्दकिसोर ।
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इस पंक्ति में उपमेय नन्दकिसोर है और उपमान भी नन्दकिसोर है। अतः अनन्वय अलंकार है।
अनन्वय अलंकार के उदाहरण
उदाहरण – मुख मुख ही के समान सुंदर है।
इस पंक्ति में 'मुख' उपमेय है और 'मुख' ही को उपमान बना दिया। अर्थात 'मुख' को 'मुख' से ही उपमा दी गयी है। इसलिए यहाँ पर Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार है।
उदाहरण यद्यपि अति आरत मारत है, भारत के सम भारत है।
यहां पर वाक्य में भारत उपमेय है जिसकी तुलना करने के लिये कोई उपमान नहीं है जिस कारण से उपमेय को ही उपमान बनाकर उपमेय की तुलना की जबरहि है अतः यह अनन्वय अलंकार है।
उदाहरण अब यद्यपि दुर्लभ आरत है। पर भारत के सम भारत है।
इस पंक्ति में भारत उपमेय है और उपमान भी वही है, अर्थात भारत देश इतना महान है कि इसकी तुलना में कोई अन्य उपमान ही नहीं, अतः भारत (उपमेय) की तुलाना भी उपमान रूप भारत से ही कर दी गयी है, इसलिए यहाँ पर Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार होगा।
उदाहरण यद्यपि अति आरत-मारत है, भारत के सम भारत है।
उदाहरण निरुपम न उपमा आन राम समानु राम, निगम कहे।
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Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार के महत्वपूर्ण प्रश्नें
अनन्वय अलंकार का अर्थ क्या है ?
जब किसी वस्तु को अधिक उत्कृष्ट दिखाना होता है तब यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसके समान कोई अन्य वस्तु है ही नहीं। अर्थात् जहां उपमेय को ही उपमान बना लिया जाए, तो वहां Ananvay Alankar अनन्वय अलंकार‘ होता है
अनन्वय अलंकार की परिभाषा क्या है ?
काव्य में जहाँ उपमान के अभाव के कारण उपमेय को ही उपमान बना दिया जाए वहाँ ‘अनन्वय अलंकार’ होता है।
अनन्वय अलंकार का उदाहरण स्पष्टीकरण सहित ।
राम-से-राम सिया-से-सिया, सिरमोर बिरांचिं विचारिं सँवेरे ।
स्पष्टीकरण – इस उदाहरण में राम और सीता को उपमान माना है। तथा राम और सीता को उपमेय भी मानते है। अतः इस प्रकार यहां अनन्वय अलंकार है ।
आशा करते है आपको हमारा लेख अनन्वय अलंकार की परिभाषा और उदाहरण | Ananvay Alankar ki Paribhasha, Udaharan पसन्द आया होगा अगर आप अन्य किसी अलंकार के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो ऊपर तालिका में हमने सभी अलंकार की लिंक दी आप उस लिंक के माध्यम से सीधे उसी अलंकार के पेज पर विजिट कर लेंगे।
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