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Reading: भ्रांतिमान अलंकार Bhrantiman Alankar | भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा और उदाहरण
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भ्रांतिमान अलंकार Bhrantiman Alankar | भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा और उदाहरण

Akhilesh Kumar
Last updated: 2023/08/08 at 7:53 AM
Akhilesh Kumar Published August 1, 2023
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bhrantiman
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Bhrantiman Alankar भ्रांतिमान अलंकार : नमस्कार दोस्तों! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में आज हम आपके लिये अर्थालंकार के सबसे महत्वपूर्ण और रोचक अलंकार भ्रातिमान अलंकार लेकर आये है, जब परीक्षा में भ्रातिमान अलंकार से कोई प्रश्न पूंछा जाता है तो विद्यार्थी भी भ्रम में आ जाते है।

Contents
भ्रांतिमान अलंकार का अर्थभ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा | Bhrantiman Alankar ki Paribhashaभ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण | Bhrantiman Alankar Ka Udaharnभ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण | Bhrantiman ke Udaharanयह भी पढ़े…भ्रांतिमान अलंकार के महत्वपूर्ण प्रश्नें FAQsभ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण क्या है?अधरों पर अलि मंडराते केशों पर मुग्ध पपीहा में कौन सा अलंकार है?जान श्याम घनश्याम को नाच उठे वन मोरपंख में कौन सा अलंकार है?ओस बिन्दु चुन रही हंसिनी मोती उनको जान। में कौन सा अलंकार

आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको भ्रातिमान अलंकार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तारपूर्वक देने बाले अगर आप एक बार इस लेख का अध्ययन कर ले आपके भ्रांतिमान अलंकार से जुड़े सभी प्रश्न हल हो जायेगें, तो ज्यादा देर न करते हुये सीधे चलते है भ्रांतिमान अलंकार एक अर्थ क्या है।

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भ्रांतिमान अलंकार का अर्थ

जब सादृश्य के कारण उपमेय में उपमान का भ्रम हो, अर्थात् जब उपमेय को भूल से उपमान समझ लिया जाये, तब ‘भ्रांतिमान’ अलंकार होता है। जब उपमेय को भ्रम के कारण उपमान समझ लिया जाता है तब वहाँ ‘भ्रान्तिमान् अलंकार’ होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो इस अलंकार में उपमेय में उपमान का धोखा हो जाता है।

भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा | Bhrantiman Alankar ki Paribhasha

जिस अलंकार में उपमेय में उपमान के होने का भ्रम अथवा सम्भावना होती है वहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार होता है। अतः जब एक वस्तु को देखने पर दूसरी वस्तु से सम्बंधित भ्रम उत्पन्न हो जाता है वह ‘भ्रांतिमान’ अलंकार उतपन्न होता है।

भ्रांतिमान अलंकार की सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इस अलंकार में भ्रम लेखक या कवि की कल्पना से उत्तपन्न होना चाहिए और जहां पर वास्तविक भ्रम उत्तपन्न हो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार नही हो सकता

भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण | Bhrantiman Alankar Ka Udaharn

उदाहरण कपि करि हृदय बिचार, दीन्ह मुद्रिका डारि तब। जानि अशोक अँगार, सीय हरषि उठि कर गहेउ ।।

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इस पंक्ति में सीताजी, श्रीराम की हीरक जरित अँगूठी को अशोक वृक्ष द्वारा गिराया गया अंगारा समझकर उठा लेती हैं। यहाँ अँगूठी उपमेय है, अंगारा उपमान है। अँगारा उपमान का निश्चित रूप से ज्ञान होने के कारण यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है ।

भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण | Bhrantiman ke Udaharan

हम इस भाग में भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण Bhrantiman Alankar ke Udaharn स्पष्टीकरण के साथ बताएंगे जिससे आपको समझने में आसानी होगी

उदाहरण नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाडिम का समझकर शान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है, सोचता है अन्य शुक यह कौन है।।

इस पंक्ति में नाक के आभूषण के मोती में अनार के बीज का भ्रम उत्पन्न हो रहा है । इसलिये यहां भ्रांतिमान अलंकार है।

उदाहरण ओस बिन्दु चुन रही हंसिनी मोती उनको जान।

इस पंक्ति में हंसिनी को ओस बून्द का चुनना मोती समझ कर भ्रांति प्रकट कर रहा है अतः यहां पर भ्रांतिमान अलंकार प्रकट हो रहा है।

उदाहरण पायें महावर देन को नाईन बैठी आय फिरिफिरि जानि महावरी, एडी मोड़त जाये ।।

इस पंक्ति में नाइन एड़ी की लालिमा को महावर समझकर भ्रम में पड़ जाती है, और सुन्दरी की एड़ी को मोड़ती जाती है, अतः यहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार है ।

उदाहरण बिल विचार कर नागशुण्ड में घुसने लगा विषैला साँप । काली ईख समझ विषधर को, उठा लिया तब गज ने आप ॥

इस पंक्ति में साँप को हाथी की सुँड में बिल का और हाथी को सांप में काले गन्ने का भ्रम दिखाया गया है,इसलिये यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है ।

उदाहरण किशुक सुमन समझकर झपटा भौरा शुक को लाल तुण्ड पर तोते ने निज ठौर चलाई, जामुन का फल उसे समझ कर ॥

यहाँ पर भौरे को तोते की लाल चोंच में किंशुक सुमन का और तोते को भौरे में जामुन के फल का दिखाया गया है। इसलिये यहां पर 'भ्रान्तिमान' अलंकार है ।

उदाहरण फिरत घरन नूतन पथिक चले चकित चित भागि। फूल्यो देख पलास वन, समुहें समुझि दवागि ।।

इस पंक्ति में पलास के फूल बहुत ही लाल होते हैं उसी को - देखकर कोई नया पथिक यह समझता है कि जंगल में आग लगा और वहा से भगा जाता है, यहाँ पर उसे भ्रम हो जाता है।

उदाहरण कपि करि हृदय विचारि, दीन्हि मुद्रिका डारि तब | जानि अशोक अंगार, सीय हरषि उठि कर गहेउ ।।

यहाँ सीता को मुद्रिका में अशोक पुष्प (अंगार) का भ्रम उत्पन्न हो रहा है, अतः यहाँ भ्रांतिमान अलंकार है।

उदाहरण विधु वदनिहि लखि बाग में, चहकन लगे चकोर । वारिज वास विलास लहि, अलिकुल विपुल विभोर ।।

इस पंक्ति में किसी चन्द्रमुखी नायिका को देखकर चकोरी की उसके मुख चन्द्रमा का भ्रम हो रहा है तथा उसके वदन में कमल की सुगंध पाकर (समझकर ) भ्रमर आनंद विभोर हो गया है। अतः यहाँ उपमेयों (मुख व सुवास) में उपमानों (चन्द्रमा व कमल-गंध) का भ्रम उत्पन्न होने के कारण यहां भ्रांतिमान अलंकार है।

उदाहरण बेसर मोती दुति झलक, परी अधर पर आनि । पट पोंछति चूनो समुझि, नारी निपट अयानि ।।

इस पंक्ति में नायिका अधरों पर पड़ी मोतियों की उज्ज्वल झलक को पान का समझ लेती है और उसे पट से पोंछने का प्रयत्न करती है।

उदाहरण “पेशी समझ माणिक्य को वह विहग देखो ले चला। ” “जानि स्याम को स्याम घन नाच उठे वन मोर। “

यहाँ साँवले रंग के कृष्ण को काला बादल समझकर वन के मोर नाच रहे हैं, इसलिये यहाँ पर भ्रांतिमान अलंकार है ।

यह भी पढ़े…

भ्रांतिमान अलंकार Bhrantiman Alankar | भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा और उदाहरण
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उत्प्रेक्षा अलंकारसमास

भ्रांतिमान अलंकार के महत्वपूर्ण प्रश्नें FAQs

भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण क्या है?

बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है सोचता है अन्य शुक यह कौन है? उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।

अधरों पर अलि मंडराते केशों पर मुग्ध पपीहा में कौन सा अलंकार है?

कभी कभी किसी वस्तु को देखकर उसमे अन्य कुछ सादृश्य के कारण उसे अन्य वस्तु समझ बैठते है। ऐसे भूल को भ्रान्ति कहते है। तथा इसमें भ्रांतिमान अलंकार होता है।

जान श्याम घनश्याम को नाच उठे वन मोर
पंख में कौन सा अलंकार है?

‘जानि स्याम घन स्याम को, नाच उठे वन- मोरा’ में भ्रांतिमान
अलंकार है ।

ओस बिन्दु चुन रही हंसिनी मोती उनको जान। में कौन सा अलंकार

ओस बिन्दु चुन रही हंसिनी मोती उनको जान में भ्रांतिमान अलंकार है।

आज के लेख में हमने आपके लिये भ्रांतिमान अलंकार की परिभाषा और भ्रांतिमान अलंकार के उदाहरण को सरल भाषा मे समझाया है, उम्मीद है आपको भ्रांतिमान अलंकार अच्छे से समझ आया होगा, अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो आपको हमारी वेबसाइट पर सभी नोट्स उपलब्ध है।

आशा करते है आपको हमारा लेख भ्रांतिमान अलंकार पसन्द आया होगा, अगर आप इस लेख पर अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहते है तो कॉमेंट के माध्यम से सम्पर्क कर सकते है। धन्यवाद…

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