नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट AKstudyHub में आज हम आपके लिये हिंदी का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह लेकर आये है , विराम चिन्ह हिंदी व्याकरण की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
विराम चिन्ह हिंदी के अभिन्न अंग है इनके बिना वाक्य या पंक्ति के अर्थ को समझना मुश्किल होता है अगर विराम चिन्ह अपने उचित स्थान पर न हो कर एक या दो अक्षर आगे पीछे हो जाय तो वाक्य का अर्थ विपरीत भी हो सकता है ।
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आज के लेख में हम Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेंगे और एक एक करके सभी चिन्हों का विश्लेषण भी करेंगे और लेख के अंत मे आपको विराम चिन्ह के नोट्स की PDF भी उपलब्ध कराएंगे आप इस लेख के अंत तक बने रहें।
विराम चिन्ह किसे कहते है
विराम चिह्न का शाब्दिक अर्थ है-‘रुकना’ अथवा ‘ठहराव’ लेखन में भावों की स्पष्ट अभिव्यक्ति के लिए विराम चिह्न की आवश्यकता होती है।
विराम चिन्ह को वाक्य या पद की विभाजन करने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला चिह्न भी कहा जाता है। यह चिह्न वाक्य संरचना के अंदर एक प्रमुख भूमिका निभाता है। विराम चिन्ह के माध्यम से, हम वाक्य के भागों को अलग-अलग कर सकते हैं और वाक्य का अर्थ समझ सकते हैं।
हिंदी और संस्कृत भाषा में, पूर्ण विराम (।) विराम चिन्ह के रूप में प्रयुक्त होता है जो वाक्य को विभाजित करने के लिए उपयोग होता है।
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इसके अतिरिक्त विराम चिह्न के प्रयोग से उच्चारण और वाचन की गति में भी सुविधा रहती है। हिन्दी में विराम चिह्न के रूप में निम्नलिखित चिह्नों का प्रयोग होता है।
विराम-चिन्ह की परिभाषा
डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार
“जो चिह्न बोलते या पढ़ते समय रुकने का संकेत देते हैं, उन्हें विराम-चिह्न कहते हैं।”‘राम घर गया’ यह एक सामान्य वाक्य है, किन्तु विविध विराम चिह्नों के लगाने के बाद यही सरल वाक्य ‘प्रश्नवाचक’ और ‘आश्चर्यबोधक’ भावों का अलग बोध कराता है।
विराम चिन्ह के प्रकार

- पूर्ण विराम ( | )
- अर्द्ध विराम ( ; )
- अल्प विराम ( , )
- उप विराम ( : )
- लाघव चिन्ह ( ० )
- योजक चिन्ह ( – )
- प्रश्नवाचक चिन्ह ( ? )
- विस्मयसूचक चिन्ह ( ! )
- विवरण चिन्ह ( :—– )
- उद्धरण चिह्न ( ” ” )
- कोष्टक चिन्ह ( )
- बिंदु रेखा ( …… )
- निर्देशक चिन्ह (—–)
- तुल्यता सूचक चिन्ह ( = )
पूर्ण विराम ( | )
पूर्ण विराम चिन्ह (।) वाक्यों को विभाजित करने के लिए प्रयोग मिया जाता है । यह चिन्ह वाक्यों को एक साथ करने का कार्य करता है और उन्हें अलग-अलग वाक्यो में विभाजित करता है।
पूर्ण विराम चिन्ह का प्रयोग विस्मयवाचक और प्रश्नवाचक वाक्यों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के वाक्यों में किया जाता है, दोहा,शायरी,छन्द आदि पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है।
पूर्ण विराम का उपयोग निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है।
उदाहरण
- भारत की राजधानी है दिल्ली।
- मेरे भाई का नाम अनिल है।
- राम खाना खाता है।
- सीता गाना गाती है।
अर्द्ध विराम ( ; )
जिस वाक्य में पूर्ण विराम की अपेक्षा थोड़ा कम समय और अल्प विराम की अपेक्षा थोड़ा अधिक समय लगे वहाँ अर्द्ध विराम का प्रयोग किया जाता है ।
उदाहरण
- पिताजी आ गए है; वह शीघ्र चले जाएंगे ।
- सूर्योदय हो गया है; चिड़ियाँ चहचहाने लगी है ।
अल्प विराम ( , )
जिस वाक्य में अर्द्ध विराम से भी कम समय लगे वहाँ अल्प विराम होता है, जहाँ पर वाक्य के बीच मे विराम जैसे स्थिती उत्पन्न हो वहाँ भी अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है।
जहाँ पर हाँ और नही की सम्भावना प्रकट हो वहाँ अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है, जैसे “हाँ, में भी साथ चलूँगा”
अल्प विराम का अर्थ वाक्य में थोड़ी सी देर के लिये रुकना होता है, वाक्य के लिखित रूप को समझाने के लिये लेखक अनेक बार थोड़ी देर के लिये रुकता है इसी थोड़ी देर के ठहरावों को चिन्हित करने के लिये अल्प विराम का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण
- सीता,गीता और मीना गई है।
- मुझे बाजार से किताबें, पेंसिल,रबर और रंग चाहिए।
- पापा ने मेरे लिये आम,अमरूद,अंगूर और मिठाई खरीदी।
- पापा आये,खाना खाया और वापिस चले गये।
उप विराम ( : )
जब किसी वाक्य में किसी को अलग से दर्शाया जाय तो वहाँ उप विराम कहा जाता है । उप विराम को अपूर्ण विराम भी कहा जाता है । उप Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह के उदाहरण निम्नलिखित है।
उदाहरण
- मोहन : चलो,तुम्हे भैया से मिलता हूँ।
- राम : अभी मेरा मिलने का मन नही है।
लाघव चिन्ह ( ० )
लाघव चिन्ह का चिन्ह (º) होता है। किसी शब्द को संक्षेप रूप में लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। शब्द को संक्षेप में लिख देने के कारण इस चिन्ह को संक्षेपसूचक चिन्ह कहते हैं।
उदाहरण
- पंडित का संक्षेपरूप पं०
- प्रोफ़ेसर का संक्षेप रूप प्रो०
- विश्वविद्यालय के लिये वि०
योजक चिन्ह ( – )
साधारणता योजक का अर्थ मिलाना या जोड़ने बाला होता है, दो शब्दों के मध्य अर्थ में स्पष्टता लाने के लिये योजक चिन्ह का प्रयोग कहा जाता है।
विपरीत अर्थ रखने वाले शब्दों को जोड़ने के लिए योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे:- रात-दिन, पाच पुण्य, माता-पिता, सुख-दुख, आगा- पीछा, नीचे-ऊपर, अच्छा-बुरा, हार-जीत, आना-जाना, हानि-लाभ, उतार- चढ़ाव, यश-अपयश, उतार-चढ़ाव, उल्टा-सीधा इत्यादि ।
उदाहरण
- मुझे दाल-चावल बहुत पसंद है।
- राम तो मार-पीट करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
- मैंने कम-से-कम कुछ तो किया।
- सुख-दुःख जीवन में आते जाते रहते हैं।
- जिंदगी में उतार-चढ़ाव तो आते ही हैं।
- मैंने दो-तिहाई वजन कम कर लिया।
प्रश्नवाचक चिन्ह ( ? )
जिस वाक्य में प्रश्न करने का या प्रश्न पूछने का बोध प्रकट हो वहाँ प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है । Viram Chinh In Hindi | प्रश्नवाचक विराम चिन्ह के उदाहरण निम्नलिखित है।
उदाहरण
- तुम्हारा भाई कहाँ है ?
- उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है ?
- मोहन कब आएगा ?
- तुम्हारे पापा कहाँ गए ?
- तुम क्या खाओगे ?
विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! )
विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग विस्मय (आश्चर्य), खुशी, दुःख, घृणा, करुणा, शोक, घृणा, भय, हर्ष आदि भावों को बोध करवाने वाले शब्दों या वाक्यों के अन्त में विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे: अरे । पापा कब आए ।
Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह में विस्मयादिबोधक चिन्ह के उदाहरण निम्नलिखित है।
उदाहरण
- अरे! तुम इतनी जल्दी आ गए।
- भगवान करे! तुम परीक्षा में पास हो जाओ।
- वाह! राम की क्या बात है।
उद्धरण चिन्ह ” और “” शब्द “”
किसी महत्वपूर्ण कथन को ज्यों का त्यों लिखने के लिए उद्धरण चिन्ह प्रयोग किया जाता है। इस चिन्ह को अवतरण चिन्ह या उपरि विराम भी कहते हैं। उद्धरण चिन्ह दो प्रकार का होता है।
- इकहरा उद्धरण चिन्ह (‘ ‘)
- दुहरा उद्धरण चिन्ह (” “)
उदाहरण
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- “अहिंसा परमोधर्मः”
कोष्ठक चिन्ह () {} [] 【】
कोष्ठक चिन्ह को अंग्रेजी में Bracket नाम से जाना जाता है। वाक्य में किसी शब्द अथवा वाक्यांश का अर्थ स्पष्ट करना हो तो उसे सुस्पष्ट करने के लिए कोष्ठक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण
- लौकिक (सांसारिक) मनुष्य सुखों के पीछे भागता है।
निर्देशक चिन्ह _
निर्देशक चिन्ह अंग्रेजी में Dash नाम से जाना जाता है। किसी विषय विचारे अथबा विभाग के मन्तव्य को सुस्पष्ट करने के लिए निर्देशक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह में निर्देशक का उदाहरण निम्न है।
उदाहरण
- सुभाष चन्द्र बोष ने कहा — तुम मुझे खून दो में तुम्हे आजादी दूंगा
- कन्डेक्टर सवारी से — तुम्हारा टिकिट कहाँ का है।
- सवारी — मेरा टिकिट अयोध्या का है।
समानता सूचक या तुल्यता सूचक चिन्ह ( = )
किसी शब्द का अर्थ समान प्रकट करने बाले शब्दो के बीच प्रयोग किये जाने चिन्ह को समानता सूचक या तुल्यता सूचक चिन्ह = कहते है।
Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह में समानता सूचक चिन्ह कर उदाहरण निम्नलिखित है।
उदाहरण
- पीताम्बर = पीले वस्त्र धारण किये हुये
- कृतघ्न = उपकार न मानने बाला
- सु + आगतम = स्वागतम
- ऐसे हजारो उदाहरण है जो समानता सूचक चिन्ह को प्रदर्शित करते है।
Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह – परिभाषा PDF Download
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