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Reading: सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF Download – 2023
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Ak Study hub > Study Material > हिन्दी > सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF Download – 2023
हिन्दी

सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF Download – 2023

Akhilesh Kumar
Last updated: 2023/07/22 at 8:18 PM
Akhilesh Kumar Published July 22, 2023
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सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF: स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट AKSTUDYHUB में आज हम आपको हिन्दी विषय के बारे में ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर बतायेंगे जो प्रतियोगी परीक्षा के दृष्टिकोण से वेहद महत्वपूर्ण है ।

Contents
वर्णमालाविराम चिन्हविराम चिन्ह | सामान्य हिन्दी नोट्सवाक्य के प्रकारशब्द भेदउत्पत्ति के आधार पर शब्द मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैरचना के आधार पर शब्द मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैअर्थ के आधार पर शब्द चार प्रकार के होते हैसंज्ञा | सामान्य हिन्दी नोट्ससर्वनाम और सर्वनाम के भेद | सामान्य हिन्दी नोट्सविशेषण और विशेषण के प्रकार | सामान्य हिन्दी नोट्सक्रिया ओर क्रिया के भेद | सामान्य हिन्दी नोट्सलिंग,वचन, कारक| सामान्य हिन्दी नोट्सहिन्दी साहित्य नोट्स PDF | Download Link

सामान्य हिन्दी नोट्स लेख में हम आपको वर्णमाला, व्याकरण, साहित्य और सामान्य हिंदी से जुड़े परीक्षा में पूछें गये प्रश्न बतायेंगे ।

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वर्णमाला

सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF : परीक्षा में पूछें जाने वाले हिन्दी वर्णमाला से सम्बंधित प्रश्न

  • भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि या वर्ण है
  • अगर आपसे परीक्षा में पूछ लिया जाय कि भाषा का अवरोही क्रम क्या है ? तो आपका उत्तर – वाक्य> उपवाक्य> उपदबंध> शब्द> अक्षर> वर्ण
  • वर्णो के व्यवस्थित समूह को वर्ण माला कहते है
  • उच्चारण के आधार पर वर्णो की संख्या – 45 है (स्वर 10) (व्यंजन 35)
  • लेखन के आधार पर वर्णो की संख्या 52 है (स्वर 13) (व्यंजन 33) (संयुक्त व्यंजन 4) (द्विगुण 2)
  • हस्व स्वर – अ, इ, उ, ऋ
  • दीर्घ स्वर – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
  • पलुप्त स्वर – sss ( ३ ओइम)
  • आवृतमुखी – अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
  • वृतमुखी – उ, ऊ, ओ, औ, आँ ( बोलते समय मुँह का आकार गोल रहता है )
  • अन्तस्थ व्यंजन – य, व, र, ल
  • उष्म व्यंजन – श, ष, स, ह
  • कण्ठ – क, ख, ग, घ, ङ, अ, आ, ह, :
  • तालु – च, छ, ज, झ, इ, ई, श, य
  • मूर्धा – ट, ठ, ड, ढ, ण, ऋ, ऋ, ष, र
  • दन्त – त,थ, द, ध, न, लृ , स, ल
  • ओष्ठ – प, फ, व, भ,म, उ, ऊ
  • कंठोष्ठ – ओ,औ
  • दन्त ओष्ठ – व
  • कंठ तालु – ए, ऐ

कोई भी प्रतियोगी परीक्षा UPSSC, CTET, UPTET या अन्य परीक्षा वर्णमाला से इन्ही में से प्रश्न पूंछे जाएँगे ।

विराम चिन्ह

सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF: हिंदी व्याकरण में जितने भी महत्वपूर्ण टॉपिक है हम इस लेख में सभी को संक्षिप्त में समझाने का प्रयास करेंगे ।

विराम चिन्ह | सामान्य हिन्दी नोट्स

चिन्ह का नामचिन्हउदाहरण
पूर्ण विराम।मोहन खेलता है ।
अर्द्ध विराम;राम बाजार गया;नहाया ओर चला गया।
अल्प विराम,सीता,गीता और मीना गई है ।
प्रश्न वाचक?तुम कोंन हो
विस्मय वोधक!अरे ! तुम आ गये
निर्देशक_अमर — तुम कहाँ जा रहे हो
उध्वर्ण” “बोष ने कहा ” तुम मुझे खून दो..”
योजक–दिन-रात
विवरण चिन्ह:-नोट:- सभी प्रश्न अनिवार्य है
कोष्ठक(….)प्रेम (रति) से बोलो
लाघव०उ०प्र०
हंसपद^कविता बाजार वहाँ^ से किताब लाई
समतामूलक==
अपूर्ण विराम:गोदान: एक किताब है
लोप चिन्ह…..++++में चलूंगा…..++++ पर खाऊंगा नही
दीर्घ उच्चारण चिन्हsमात्राओं के लिये (छंद)
पाद बिन्दुफ़

वाक्य के प्रकार

उद्देश्य– वाक्य में जिसके बारे में बताया जाय वह उद्देश्य होता है उदहारण- राम हंसता है । इसमें उद्देश्य राम है ।

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विधेय – वाक्य में उद्देश्य के विषय मे जो कुछ भी कहा जाय उसे विधेय कहते है । उदाहरण- राम रोता है । इसमें रोना विधेय है।

रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते है

  1. सरल वाक्य
  2. मिश्र वाक्य
  3. संयुक्त वाक्य

अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार

  • विधान वाचक
  • निषेध वाचक
  • आज्ञा वाचक
  • प्रश्न वाचक
  • विस्मय वाचक
  • इच्छा वाचक
  • सन्देह वाचक
  • संकेत वाचक

शब्द भेद

सामान्य हिन्दी नोट्स पीडीफ | Samanya Hindi Notes PDF:

उत्पत्ति के आधार पर शब्द मुख्यतः पांच प्रकार के होते है

  1. तत्सम -शब्द संस्कृत भाषा के सभी शब्द तत्सम शब्द होते है
  2. तदभव – जो शब्द संस्कृत से हिंदी भाषा मे परिवर्तित हुये है उन्हें हम तदभव शब्द कहते है ।
  3. देशज – जो शब्द किसी स्थान विशेष पर बोले जाते है उन्हें देशज शब्द कहते है ।
  4. विदेशी शब्द – दूसरे देशों के शब्दों को विदेशी शब्द कहते है ।
  5. शंकर शब्द – दो देशों के शब्दों से मिलकर बने हुए शब्दों को शंकर शब्द कहते है ।

रचना के आधार पर शब्द मुख्यतः तीन प्रकार के होते है

  1. रूढ़ शब्द – जिस शब्द के खंड न हो सके उसे रूढ़ शब्द कहते है जैसे – कुर्सी,मेज,फूल,ताला आदि
  2. योगिक शब्द – जिन शब्दों को हम विभाजित कर सके उन्हें योगिक शब्द कहते है । जैसे कि हिमालय = हिम+ आलय, प्रधानमंत्री = प्रधान+मंत्री आदि
  3. योगरूढ़ शब्द – ऐसे शब्द जो अपना अर्थ छोड़ कर कोई तीसरा अर्थ प्रकट करें उन्हें हम योगरूढ़ कहते है । जैसे कि नीलकंठ, चारपाई आदि

अर्थ के आधार पर शब्द चार प्रकार के होते है

  1. एकार्थी – जिन शब्दों का एक ही अर्थ प्रकट हो उन्हें एकार्थी शब्द कहते है ।
  2. अनेकार्थी – जो शब्द एक से अधिक अर्थ प्रकट करें उसे अनेकार्थी शब्द कहा जाता है
  3. समानार्थी शब्द- सभी पर्यायवाची शब्द
  4. विपरतार्थी शब्द – सभी विलोम शब्द

रूप या प्रयोग के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते है

  1. विकारी शब्द – लिंग,वचन,कारक के आधार पर परिवर्तित होने बाले शब्द विकारी शब्द कहलाते है ।
  2. अविकारी शब्द – जिन शब्दों में लिंग,वचन के आधार पर कोई परिवर्तन न आये उन्हें अविकारी शब्द कहते है ।

संज्ञा | सामान्य हिन्दी नोट्स

किसी व्यक्ति,स्थान,वस्तु आदि के नामों को संज्ञा कहा जाता है यह मुख्यतः पांच प्रकार की होती है ।

व्यक्तिवाचक संज्ञा – जो किसी व्यक्ति , स्थान या वस्तु का बोध कराती है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है ।जैसे कि राम,श्याम, आगरा, अमेरिका ,रानी आदि ।

जातिवाचक संज्ञा – जो किसी प्राणी पदार्थ या समुदाय की पूरी जाति का वोध कराये वो जाति वाचक संज्ञा है ।

उदाहरण – नर,नारी ,पर्वत, हाथी, फल आदि परन्तु हिमालय, एवरेस्ट जैसे कुछ अपवाद है

समूहवाचक संज्ञा – जहाँ किसी समुदाय का बोध प्रकट हो वहाँ समूहवाचक संज्ञा होती है ।

उदाहरण – समिति, टीम,आयोग,परिवार,पुलिस,अधिकारी,कर्मचारी आदि

द्रव्यवाचक संज्ञा – ऐसे पदार्थ जिन्हें नाप-तोल सकते है पर गिनती नही कर सकते वो द्रव्यवाचक संज्ञा होते है ।

उदाहरण- घी,तेल,दूध, धुंआ, आक्सीजन गैस आदि

भाववाचक संज्ञा – अगर किसी व्यक्ति के वस्तु,के गुण दशा ,स्वभाव, अवस्था आदि का बोध प्रकट हो वहाँ भाववाचक संज्ञा होती है ।

उदाहरण – आशा, निराशा, प्रेम, शत्रुता, ग्लानि,शोक,क्रोध, स्वार्थ, पढ़ना, सिलाई, लड़ाई, सलाह, तारीफ, जवानी ,बुढ़ापा, भूखा, प्यासा, आदि

सर्वनाम और सर्वनाम के भेद | सामान्य हिन्दी नोट्स

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते है । सर्वनाम मुख्यतः छः प्रकार के होते है ।

पुरुषवाचक सर्वनाम – वो सर्वनाम जो किसी व्यक्ति जैसे कि स्त्री या पुरुष के वदले प्रयुक्त हो उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते है ।

उदाहरण – में, हम ,मेरा, मुझे, हमे, तुम, आप, तुम्हे, आपने, वे, वह, ये ओर यह आदि

निश्चय वाचक सर्वनाम – जो किसी निश्चित घटना,वस्तु,व्यक्ति या कर्म के लिये प्रयुक्त हो उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते है ।

उदाहरण – वे अच्छे लोग है , यह राम का घर है

अनिश्चय वाचक सर्वनाम – जहाँ पर कोई निश्चित घटना का बोध प्रकट न हो वहाँ अनिश्चय वाचक सर्वनाम होता है

उदाहरण – वाहर कोई है ,रास्ते मे कुछ खा लेना

प्रश्नवाचक सर्वनाम – जैसा कि नाम से प्रकट होता है कि जहां किसी से प्रश्न का बोध प्रकट हो वहां प्रश्नवाचक सर्वनाम होता है ।

उदाहरण – तुम कहाँ रहते हो, तुम्हे क्या चाहिए, वाहर कोंन है आदि

निजवाचक सर्वनाम – जिनका प्रयोग खुद के लिये किया जाय वहाँ निजवाचक सर्वनाम होता है ।

उदाहरण – में स्वम् समझ गया, हम खुद ही आ गये।

सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जिस बात में सम्बन्ध उत्पन्न हो वहाँ सम्बन्ध वाचक सर्वनाम होता है

उदाहरण – यह वही लड़का है जिससे तुम्हारी शादी हो रही है , जिसकी लाठी उसकी भैंस, जैसा करोगे वैसे भरोगें

विशेषण और विशेषण के प्रकार | सामान्य हिन्दी नोट्स

संज्ञा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने बाले शब्दो को विशेषण कहते है । जैसे काला ,मोटा ,5 किलो, रोगी आदि यह मुख्यतः 4 प्रकार के होते है ।

गुणवाचक विशेषण – जिसमे संज्ञा के गुण, दोष, रंग, स्थान, दशा, आकर, रूप, स्वाद आदि का वोध प्रकट हो वहाँ गुण वाचक विशेषण होता है

उदाहरण –

गुणईमानदारी,परिश्रमी, मिलनसार,पापी,चतुर,आयोग्य आदि
दशारोगी,निरोगी, मोटा, पतला, धनवान, कमजोर आदि
स्थानजापानी,चीनी,भारतीय, पहाड़ी, शहरी, पंजाबी आदि
रंगकाली,पीली,गुलाबी, चमकीला सफेद आदि
आकारछोटा, बड़ा, आयातकार,पतला आदि
स्वादफीका ,तीखा, गन्धहीन, मीठा आदि
रूपपतला कमजोर, अस्वस्थ आदि

सार्वनामिक विशेषण – जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त हो उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते है ।

उदाहरण – वह लडक़ी बहुत कमजोर है,उनके घर कार्यक्रम है, यह राम का वेटा है आदि

परिणाम वाचक विशेषण – जिन शब्दो में संज्ञा सर्वनाम की मात्रा या परिणाम की जानकारी प्राप्त हो वहाँ परिणाम वाचक सर्वनाम होता है

उदाहरण – निश्चित परिणाम वाचक – दस किलो संतरे, पांच किलो दूध, पांच मीटर कपड़ा आदि

अनिश्चित वाचक परिणाम – थोड़ा सा खाना, बहुत संतरे आदि

संख्यावाचक सर्वनाम – जहाँ किसी संख्या का बोध हो वहाँ संख्यावाचक सर्वनाम होता है जैसे कि 1, 2 , 3 हजार ,लाख आदि

क्रिया ओर क्रिया के भेद | सामान्य हिन्दी नोट्स

किसी कार्य को करने से किसी प्रक्रिया का बोध हो उसे क्रिया कहते है । यह मूल धातु जैसे लिख,पढ़, पी,सो, हंस आदि ओर योगिक धातु जैसे लिखना,पढ़ना, पीना, सोना,हंसना से मिलकर बनती है ।

यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है

सकर्मक क्रिया – जब क्रिया को कर्ता की नही बल्कि कर्म की आवश्यकता हो वहाँ सकर्मक क्रिया होती है

उदाहरण – रीना गीत गाती है , राजू पानी पीता है

अकर्मक क्रिया – जहाँ कर्म की प्रधानता नही हो वहाँ अकर्मक क्रिया होती है ।

उदाहरण – राकेश जाता है , राजू सोता है

लिंग,वचन, कारक| सामान्य हिन्दी नोट्स

लिंग वचन कारक के pdf Download करने के लिये आप हमारी वेबसाइट www.akstudyhub.com पर क्लिक करें।

हिन्दी साहित्य नोट्स PDF | Download Link

नीचे दिये हुये बटन के माध्यम से आप हिंदी सामान्य नोट्स के पीडीएफ डाऊनलोड कर सकते है।

Download Now

अगर आप किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे है तो आपके लिये सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्नों की श्रंखला लेकर आये है ।

आशा करते है आपको हमारा लेख पसन्द आया होगा अगर आप मेरे लेख पर अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहते है तो कॉमेंट के माध्यम से सम्पर्क कर सकते है।

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