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Ak Study hub > भूगोल > वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte
भूगोल

वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte

Akhilesh Kumar
Last updated: 2023/07/20 at 6:08 PM
Akhilesh Kumar Published July 20, 2023
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Vayumandal kise kahate hai : नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट AKstudyHub में आज बात करेंगे हम वायुमंडल ( Vayumandal ) के बारे में , वायुमण्डल भूगोल का महत्वपूर्ण अध्याय है और परीक्षाओ में इस अध्याय से प्रश्न जरूर पूंछे जाते है।

Contents
Vayumandal kise kahate Hai | वायुमण्डल किसे कहते हैवायुमंडल का संगठनवायुमंडल की प्रमुख गैसेंनाइट्रोजन (78.03%)ऑक्सीजन (20.99%)ऑर्गन (0.93%)कार्बन डाइऑक्साइड (0.03%)Vayumandal ki Parte | वायुमंडल की परतेंक्षोभमंडलसमतापमंडल (Steatosphere)मध्यमंडल (Mesosphere)तापमंडल (Thermosphere)यह भी पढ़े..वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte FAQsवायुमंडल में कितनी गैस है?What are the Vayumandal gases?वायुमंडल का क्या अर्थ होता है?वायुमण्डल में कितने मण्डल है

आज के आर्टिकल में हम आपको वायुमण्डल किसे कहते है ? Vayumandal kise kahate hai ? , वायुमण्डल का संघटन और Vayumandal Ki parte वायुमण्डल की परतें, इन सभी टॉपिक पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

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Vayumandal kise kahate Hai | वायुमण्डल किसे कहते है

Vayumandal kise kahate Hai : हमारी पृथ्वी सौर परिवार के ग्रहों में अनोखी है, क्योंकि अभी तक पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन संभव है। पृथ्वी पर वायु के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। पृथ्वी के चारों ओर संरक्षी गैसों का आवरण पाया जाता है जो वायुमंडल कहलाता है।

वायुमंडल को एटमॉस्फियर भी कहा जाता है जो कि एक अंग्रेजी शब्द है , वायुमंडल के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है। जीवन को प्रभावित करने वाला वायुमंडल पृथ्वी के ऊपर लगभग 500 किमी० तक व्यापक है, परंतु उसके भी लगभग 10,000 किमी० ऊपर तक वायुमंडल का विस्तार पाया जाता है। इसके बाद यह बाह्य अंतरिक्ष में धीरे-धीरे चला जाता है।

वायुमंडल का संगठन

वायुमण्डल गैसों का मिश्रित रूप है जिसमें नाइट्रोजन 78% ऑक्सीजन 20.90%, आर्गन 0.90% व कार्बन डाइऑक्साइड व विरल गैसे जैसे—हीलियम हाइड्रोजन, मेथेन, निऑन, जेनॉन व क्रिप्टॉन आदि हैं। वायुमंडल में नाइट्रोजन गैस की सबसे अधिक मात्रा पाई जाती है। पौधों की जड़ों की मिट्टी में अनगिनत बैक्टीरिया होते हैं जो वायुमंडल से नाइट्रोजन ग्रहण करते हैं तथा इसके स्वरूप को बदलने में सहायता प्रदान करते हैं। नाइट्रोजन गैस पौधों के जीवन के लिए अति आवश्यक है।

वायुमंडल की दूसरी मुख्य गैस है ऑक्सीजन जो जीव-जंतु व मानव जीवन के लिए अति आवश्यक है, हरे पड़े पौधे भी प्रकाश संश्लेषण क्रिया से ऑक्सीजन की उत्पत्ति करते हैं। ऑक्सीजन वायुमंडल में एक स्थाई गैस है। प्राकृतिक पारिस्थितिक संतुलन दिन पर दिन बिगड़ता जा रहा है। इसका कारण वन विनाश तथा आधुनिक मानव के क्रियाकलाप हैं।

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जीव-जंतु व मनुष्य अपनी श्वासोत्सर्जन क्रिया द्वारा कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस बाहर निकालते हैं, जिसे हरे पौधों द्वारा उपयोग में ले लिया जाता है। इसी से हरे पेड़-पौधे अपना भोजन ग्रहण करते हैं। इन्हीं क्रियाओं से प्रकृति में कार्बनडाइ-ऑक्साइड का संतुलन बना रहता है परंतु आज का आधुनिक मानव अपनी क्रियाओं के द्वारा इस संतुलन को नष्ट करने में लगा है।

जैसे—जीवाश्म ईंधनों के दहन व वनों की अंधाधुंध कटाई से वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है जिससे पृथ्वी के धरातल का तापमान बढ़ रहा है जिसे वैश्विक ऊष्मन (global warming) के नाम से जाना जाता है।

पृथ्वी की जलवायु और मौसम के ऊपर इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 20वीं शताब्दी में पृथ्वी के तापमान में लगभग 0.8% की वृद्धि हुई है। जिसका मुख्य कारण के क्रियाकलाप हैं। पृथ्वी के हरित क्षेत्र पर भी इसका प्रतिकूल असर होता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस सूर्य से निकली ऊर्जा को अपने अंदर अवशोषित कर उसे बाहर निकलने से रोकती है।

वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से हरित ग्रह प्रभाव में वृद्धि के साथ ही पृथ्वी का तापमान भी बढ़ जाता है । इसके अनेक बुरे परिणाम सामने आते है जैसे कि हिम् का पिघलना,तूफानी मौसम,निचले स्थानों का बाढ़ ग्रस्त होना आदि।

जलवाष्प भी वायुमंडल में अल्प मात्रा में होती है। वायु में इसकी उपस्थिति के कारण ही वर्षा व हिमवर्षा होती है। जलवाष्प जलवायु में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हाइड्रोजन, हीलियम, आर्गन, ओजोन एवं क्रिप्टॉन वायुमंडल की अन्य गैसें हैं। सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से ओजोन गैस हमारी रक्षा करती है। यह गैस पृथ्वी के ऊपर एक आवरण के रूप में कार्य करती है व पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा करती है।

वायुमंडल की प्रमुख गैसें

वायुमण्डल में मिश्रित प्रमुख गैस निम्नलिखित है ।

नाइट्रोजन (78.03%)

यह गैस वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने बाली गैस है जो को स्वतंत्र वायु में नाइट्रोजन का प्रयोग लेग्यूमिनस पौधे तथा शैवाल आदि प्रजातियां मृदा में नाइट्रोजन के स्तरीकरण के रूप में करती है ।

ऑक्सीजन (20.99%)

दूसरी सबसे अधिक मात्रा में पायी जाने बाली गैस ऑक्सीजन है । ऑक्सीजन वायुमंडल में 120 किमी की ऊंचाई तक पाई जाती है। तथा इसके बाद इसकी मात्रा नगण्य हो जाती है! यह जंतुओं तथा मनुष्य के लिए प्राणदायिनी गैस हैं ।

ऑर्गन (0.93%)

वायु मंडल में उपस्थित अक्रिय गैसों में आर्गन सर्वाधिक मात्रा में पाई जाती है इसके अतिरिक्त नियॉन, हिलियम, क्रिप्टॉन, जेनॉन आदि अक्रिय गैसे भी वायुमंडल में पाई जाती हैं।

कार्बन डाइऑक्साइड (0.03%)

यह एक भारी गैस है! जो सौर विकिरण के लिए तथा पार्थिव विकिरण के लिए अपारगम्य हैं। एटमॉस्फेयर में इसकी बढ़ती मात्रा ग्रीन हाउस प्रभाव को पैदा करती है । एटमॉस्फेयर में कार्बन डाइऑक्साइड 90 किमी की ऊंचाई तक पाई जाती है! एटमॉस्फेयर के तापमान बढ़ने के कारण क्यूटो प्रोटोकॉल में इसकी मात्रा कम किए जाने पर वैश्विक सहमति बनी है ।

Vayumandal ki Parte | वायुमंडल की परतें

वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte

Vayumandal kise kahate hai: वायुमण्डल में चार परतें अवस्थित है जो निम्नलिखित है।

क्षोभमंडल

क्षोभमंडल में अधिकतर मेघ, जलवायु व धूल कण विद्यमान होते हैं। मौसम के सारे परिवर्तन जैसे- पवन चलना, मेघों का बनना व गर्जन, वर्षा और विद्युत का चमकना इसी परत में होते हैं। वायुमंडल की सबसे निचली परत क्षोभमंडल कहलाती है। वायुमंडल की 90% संहति इसी परत में पाई जाती है। इस परत की ऊपरी सीमा क्षोभसीमा कहलाती है।

जिसका विस्तार ध्रुवों के ऊपर 8 किमी० व विषुवत् रेखा पर 18 किमी० तक है। इस परत में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान घटता जाता है। जिसकी दर प्रति 1000 मीटर पर 6.4° सेल्सियस है।

समतापमंडल (Steatosphere)

समतापमंडल का विस्तार क्षोभमंडल के ऊपर लगभग 50 किमी० तक है। इस परत मैं ऊँचाई के साथ तापमान का गिरना रुक जाता है इसलिए इसे समतापमंडल कहा जाता है। इसमें ‘जेट स्टीम’ पवनें निरंतर चलती रहती हैं इसकी गति अत्यंत तेज होती जलवाष्प व धूल कण इस परत में नहीं पाए जाते हैं।

यह परत स्वच्छ व शांत होती है। जिसमें जेट विमानों को उड़ाने में बहुत आसानी होती है। ओजोन परत समताप मंडल में स्थित होती है जो सूर्य की हानिकारक परा बैंगनी किरणों का अवशोषण करके पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षा देती है।

मध्यमंडल (Mesosphere)

इस परत का विस्तार पृथ्वी के ऊपर 50 से 80 किमी० की ऊँचाई तक है। यह परत समतापमंडल व तापमंडल के बीच पाई जाती है। ऊँचाई के साथ परत में तापमान गिरता जाता है। इस परत की निचली सीमा, समताप सीमा व ऊपरी सीमा ‘मध्यम सीमा’ द्वारा निश्चित होती है।

तापमंडल (Thermosphere)

पृथ्वी धरातल से 80 किमी० के ऊपर तापमंडल पाया जाता है। ऊँचाई बढ़ने के साथ ही इस परत में तापमान भी बढ़ जाता है। 100 किमी० से 300 किमी० के बीच ‘आयनमंडल’ परत पाई जाती है। जिसमें इलेक्ट्रॉन का घनत्व बहुत अधिक है और यह रेडियो व दूरदर्शन संचार के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस तापमंडल के ऊपर वायुमंडल अधिक विरल होकर सूर्य के वायुमंडल में विलीन हो जाता है।

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वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte FAQs

वायुमंडल में कितनी गैस है?

हवा में क्या है? आयतन के अनुसार, पृथ्वी के वायुमंडल में शुष्क हवा में लगभग 78.08 प्रतिशत नाइट्रोजन, 20.95 प्रतिशत ऑक्सीजन और 0.93 प्रतिशत आर्गन है। ट्रेस गैसों का मिश्रण अन्य लगभग 0.04 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है, जिसमें ग्रीनहाउस गैसें कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड और ओजोन शामिल हैं।

What are the Vayumandal gases?

वायुमंडल में कार्बन-डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide), क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) और कार्बन मोनोआक्साइड (Carbon Monoxide) गैस हरित गृह प्रभाव पैदा करती हैं.

वायुमंडल का क्या अर्थ होता है?

हमारे ग्रह के चारों ओर गैसों की एक परत होती है। जिसमे शुष्क हवा 99 प्रतिशत, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा भी होती है। जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड, हीलियम, नियॉन और अन्य गैसें शामिल होते हैं। इन्ही को वायुमंडल कहा जाता है।

वायुमण्डल में कितने मण्डल है

पृथ्वी के वायुमंडल की पांच परतें क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयन मंडल और बाह्य मंडल हैं।

आशा करते है आपको हमारा आर्टिकल वायुमण्डल | Vayumandal kise kahate Hai | Vayumandal ki Parte पसन्द आया होगा अगर आप हमारे द्वारा दी हुई जानकारी से संतुष्ट है तो कॉमेंट के माध्यम से सम्पर्क कर सकते है। धन्यवाद..

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