प्रिय पाठकों आज के लेख में हम ऊतक के बारे में विस्तृत जानकारी देंगें जो आपको बहुत ही उपयोगी साबित होगी।

हम आपको ऊतकों के प्रकार जैसे विभज्योतकी ऊतक,स्थाई ऊतक,सरल ऊतक,मर्दुतक ऊतक,स्थूलकोण ऊतक,ड्रढोतक ऊतक,जटिल ऊतक,जाइलम ऊतक,फ्लाएम ऊतक के बारे में जानेंगे।
- Advertisement -
ऊतक क्या है – What is Tissues
ऊतक एक-सी अर्थात् एक समान संरचना अथवा विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का समूह होता है, जिसके अन्तर्गत सभी कोशिकाएँ आकार, परिमाण, उद्गम / उत्पत्ति (origin) वर्धन (development) एवं विशेष कार्यिकी (क्रियात्मक रूप से) एक समान होती है।
ऊतक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ग्रू (Grew) ने किया। प्रत्येक ऊतक का एक विशिष्ट कार्य होता है और इस प्रकार सम्पूर्ण शरीर में विभिन्न प्रकार के ऊतक मिल-जुलकर शरीर सम्बंधी सभी कार्य करते हैं।
ऊतकों के प्रकार | Types of Tissues
ऊतकों को संरचना, विभाजन क्षमता एवं विकास के आधार पर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित करते हैं- (i) विभज्योतकी ऊतक (Meristematic tissue), (i) स्थायी ऊतक (Permanent tissue
विभज्योतकी ऊतक
विभज्योतक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम नागेली (Nageli) ने किया। ग्रीक भाषा में मेरिस्टोस का अभिप्राय विभाजित या विभाजनशील (Gr.; Meristos = divisible) से है। विभाजित होने वाली कोशिकाओं के समूह विभज्योतक ऊतक कहलाते है।
- Advertisement -
विभज्योतक ऊतक भ्रूणीय कोशिकाओं के समूह हैं और इनमें विभाजन की अभूतपूर्व क्षमता होती है एवं जीवन पर्यन्त बनी रहती है।
विभज्योतक ऊतक के विभाजन के फलस्वरूप पौधों में शाखाएँ, पत्तियाँ एवं पुष्प निर्मित होते हैं। विभज्योतकी ऊतक पौधों के वृद्धि करने वाले भागों (growing regions) में विशेषत: स्थित होते हैं। इस ऊतक के विभाजन से पौधा मुख्यत: लम्बाई व मोटाई में वृद्धि करता है।
विभज्योतकी ऊतक का स्थान के आधार पर वर्गीकरण
- शीर्षस्थ विभज्योतक
- अन्तर्विष्ट विभज्योतक
- पार्श्व विभज्योतक
स्थायी ऊतक
ऐसे उनक (tissue) जिनमें विभाजन की क्षमता का ह्रास हो जाता है, स्थायी ऊतक (permanent tissue) कहलाते हैं।
स्थायी ऊतक ऐसी कोशिकाओं के समूह हैं जिनमें विभज्योतक कोशिकाओं में विभाजन कुछ समय के लिए अवधा पूर्णरूपेण रुक जाता है। स्थायी ऊतक पौधों के परिपक्व भागों में पाये जाते हैं।
विभज्योतक कोशिकाओं (meristenutic cells) से उत्पन्न होकर नई कोशिकायें परिवर्तन से स्थायी संरचना एवं विशेष कार्य अपनाती है या विभेदित हो जाती हैं।
इसकी कोशिकायें जीवित या मृत तथा बारीक या मोटी भित्ति की होती हैं तथा इनके बीच प्रायः अन्तराकोशिकीय स्थान (intercellular spaces) पाये जाते हैं।
स्थायी ऊतक निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं
- साधारण या सरल ऊतक
- जटिल ऊतक
- विशिष्ट ऊतक
पादक ऊतक का अध्ययन
सरल ऊतक
ऐसे ऊतक जो केवल एक ही प्रकार की कोशिकाओं द्वारा निर्मित होते है वो सरल ऊतक कहलाते है ।
मृदूतक या पैरेन्काइमा ऊतक का अध्ययन
- मृदूतक पतली भित्ति की जीवित कोशिकाओं का समूह है। ये कोशिकाएँ पौधों के कोमल अंगों पर अधिकता से मिलती है
- ये कोशिकाएँ समव्यापी (isodiametric), बहुभुजी (polygonal), गोल (spherical) अथवा अण्डाकार या गोलाम (oval) दिखायी देती हैं।
- कोशिका-भित्ति (cell wall) सेल्यूलोस (cellulose) की निर्मित होती है।
- मृदूतक कोशा के जीवद्रव्य में एक केन्द्रक (nucleus) व रिक्तिका (vacuole) होते हैं।
- जलीय पौधों के मृदुतक की कोशिकाओं के मध्य वायु गुहिकाओं (air cavities) की उपस्थिति के कारण इन्हें वायूतक (aerenchyma) भी कहते हैं।
स्थूलकोण ऊतक या कोलेनकाइमा ऊतक
- यह स्थूलकोणतक कोशिकाओं की अस्थाई आरोपित स्लाइड है
- ये कोशिकाएँ गोल (spherical), अण्डाकृति (oval) या बहुभुजी (polygonal) तथा समव्यासी (isodiametric) दिखायी देती है।
- कोशिकाएँ परस्पर सटी होती हैं तथा इनमें एक केन्द्रक तथा अनेक रिक्तिकाएँ (Vacuoles) होती हैं।
- कोलेन्काइमा कोशिकायें (collenchyma cells) सजीव व लम्बे आकार की होती हैं। इनमें प्रायः क्लोरोप्लास्ट (chloroplast) होता है।
- इन कोशिकाओं के मध्य में अन्तराकोशिकीय स्थान (inter-cellular spaces) प्रायः अनुपस्थित होता है।
- अन्तराकोशीय अवकाशों में कोशिकाओं के कोनों पर कोशिका-भित्ति (cell-wall) के ऊपर सेलूलोस (cellulose) तथा पेक्टिन (pectin) के जमाव के कारण कोशिका-भित्ति मोटी तथा दृढ़ हो जाती है।
- कोशिकाओं का जीवद्रव्य सघन (dense) होता है।
दृढ़ोतक या स्केलेरेन्काइमा ऊतक का अध्ययन
- दृढ़ोतक कोशिकायें निर्जीव (non-living) व लम्बे आकार की संकरी व सिरों पर नुकीली होती हैं।
- दृढ़ोतक कोशिकायें अनुप्रस्थ काट में परस्पर सटी हुई, गोल, आयताकार अथवा बहुभुजी दिखायी देती हैं।
- कोशिका भित्ति लिग्निन युक्त (lignified) होने के कारण स्थूलित व मोटी होती है।
- कोशिकाओं के मध्य अन्तरकोशिकीय स्थानों (intercellular spaces) का अभाव होता है।
जटिल ऊतक
ऐसे ऊतक जो दो या अधिक प्रकार की कोशिकाओं द्वारा निर्मित होते है तथा सभी कोशिकाएँ एक समान एक इकाई के रूप में कार्य करती हैं, जटिल स्थायी ऊतक (complex permanent tissue) कहलाते हैं।
उदाहरण- संवहन ऊतक (vascular tissue) दारु (xylem) तथा अधोवाही (phloem) ।
जाइलम ऊतक का अध्ययन
- जाइलम (xylem) एक जटिल ऊतक (complex tissue) है। यह ऊतक चार कोशिकाओं का बना है— (i) वाहिनिकाएँ (tracheids), (ii) वाहिकायें (vessels or tracheae), (iii) जाइलम या काष्ठ तन्तु (xylem or wood fibres), (iv) जाइलम या काष्ठ मृदूतक (xylem or wood parenchyma)।
- जाइलम ऊतक संवहन बण्डल (vascular bundles ) में स्थित होता है।
- सभी कोशिकाओं की देहभित्ति (cell wall) सख्त एवं अन्दर से लिग्निन युक्त (lignified) होती हैं
फ्लोएम ऊतक का अध्ययन
- फ्लोएम ऊतक, संवहन बण्डल के जटिल ऊतक हैं।
- फास्टग्रीन द्वारा अभिरंजित करने पर हरे रंग से रंगी अनेक नलिका के समान कोशिकायें स्पष्ट दर्शित होती हैं।इन्हें चालनी नलिकायें (sieve tubes) कहते हैं।
- प्रत्येक चालनी नलिका (sieve tube) के पार्श्व में एक बड़े केन्द्रक युक्त पतली, लम्बी, कोशा स्थित होती है, इसे सहकोशिका कहते हैं।
RNA क्या है | RNA कितने प्रकार के होते है , RNA के लक्षण – RNA Free PDF Notes 2022
VIRUS – विषाणु क्या है | विषाणु से होने वाले रोग | विषाणु की विशेषताएँ और मानव जनित रोग – Notes 2022