Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022
संसार के सभी देशों से अलग हमारा देश भारत जहाँ आज भी लोग वेद,पुराण,रामायण,महाभारत आदि ग्रंथों को प्राथमिकता देते । इन्ही ग्रंथों की बजह से हमारे देश मे आज भी संस्कृति बची हुई है और जब संस्कृति बची है तभी तो हम संस्कृत भाषा को संजोय हुये रखे है ।
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हमारे देश मे ऐसी कोई भी प्रतियोगी परीक्षा नही होगी जहां एक न एक संस्कृत के महाकवियों ओर उनकी रचनाओं के बारे में न पूछा जाए । आज हम आपको संस्कृत के महाकाव्य,नाट्यशास्त्र, काव्यशास्त्र, व्याकरणग्रंथ,गद्यकाव्य,गीतिकाव्य,खण्डकाव्य,चमपुकाव्य,स्तोत्रकाव्य,सुभाषितग्रंथ,कथासाहित्य, दर्शनग्रंथ ओर अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ बतायेंगे जो आपके लिये परीक्षाओं ओर आपके संस्कृत ज्ञान के लिये बहुत उपयोगी साबित होंगे।

संस्कृत के कवि और रचनाएँ
संस्कृत के प्रमुख महाकाव्य
- वामानभटरामायण (7 काण्ड) – महर्षि वाल्मीकि
- महाभारत (18 पर्व) – वेदव्यास
- कुमारसम्भवम (17 सर्ग) – कालिदास
- रघुवंशम (19 सर्ग) – कालिदास
- बुद्धचरितम (28 सर्ग) – अश्वघोष
- सौन्दरनन्द (18 सर्ग) – अश्वघोष
- किरातार्जुनीयम (18 सर्ग) – भारवि
- नैषधीयचरितं (22 सर्ग) –श्रीहर्ष
- शिशुपालवधम (20 सर्ग) – माघ
- जानकीहरणं – कुमारदास
- हरविजयं (50 सर्ग) – रत्नाकर
- धर्मशर्माभ्युदय – हरिश्चन्द्र
- राघवपाण्डवीयम – कविराज माधवभट्ट
- जाम्बवती-विजयं – पाणिनि
- स्वर्गारोहणं – कात्यायन
- महानन्दकाव्य – पतञ्जलि
- प्रयागप्रशस्ति – हरिषेण
- सेतुबन्ध – प्रवरसेन
- हयग्रीववध – भर्तृमेण्ठ
- गउडवहो – वाक्पति
- रामचरित – अभिनन्द
- नवसाहसाङ्कचरित – पद्मगुप्त
- रघुनाथचरित – वामनभट्टबाण
- सेतुकाव्य – मातृगुप्त
- कडम्बरीसार – अभिनन्द
- रामयनमंजरी – क्षेमेन्द्र
- भरतमंजरी – क्षेमेन्द्र
- विक्रमाङ्कदेवचरित – बिल्हण
- श्रीकंठचारितं – मन्खक
- राजतरङ्गिणी (8 तरंग) –कल्हण
संस्कृत के प्रमुख काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ
- नाट्यशास्त्र (36 अध्याय) – आचार्य भरत
- काव्यालँकार – भामह
- काव्यादर्श (3 परिच्छेद) – दण्डी
- ध्वन्यालोक (4 उद्योत) – आनन्दवर्धन
- काव्यमीमांसा – राजशेखर
- दशरूपक – धन्यजय ओर धनिक
- वक्रोत्तिजीवितम – कुन्तक
- व्यक्तिविवेक – महिमभट्ट
- सरस्वतीकंठाभरण – भोजराज
- श्रंगारप्रकाश – भोजराज
- औचित्यविचारचर्चा – क्षेमेन्द्र
- कविकंठाभरण – क्षेमेन्द्र
- काव्यप्रकाश – मम्मट
- काव्यनुशासन – हेमचन्द्र
- नाट्यदर्पण – रामचंद्र/गुणचंद्र
- भावप्रकाशन – शारदातनय
- चन्द्रलोक – जयदेव
- साहित्यदर्पण – विश्वनाथ
- कुवलयानंद – अप्पयदीक्षित
- रसगंगाधर – पंडितराज जगन्नाथ
संस्कृत के प्रमुख नाट्यग्रन्थ
भास के प्रमुख नाट्यग्रन्थ
Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022
- प्रतिज्ञायौगन्धरायण (4 अङ्क)
- स्वप्नवासवदत्तम् (6 अङ्क)
- प्रतिमानाटकम् (7 अङ्क)
- अभिषेकनाटकम् (6 अङ्क)
- बालचरितम् (5 अङ्क)
- चारुदत्तम् (4 अङ्क)
- पञ्चरात्रम् (3 अङ्क)
- दूतवाक्यम् (एकाङ्की)
- कर्णभारम् (एकाङ्की)
- ऊरुभङ्गम् (एकाङ्की)
- दूतघटोत्कचम् (एकाङ्की)
- मध्यमव्यायोगः (एकाङ्की)
- अविमारकम् (6 अङ्क)
कालिदास के प्रमुख नाट्यग्रन्थ
Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022
- मालविकाग्निमित्रम (5अङ्क)
- विक्रमोर्वशीयम (5 अङ्क)
- अभिज्ञानशाकुन्तलम ( 7 अङ्क)
हर्षवर्धन के प्रमुख नाट्यग्रन्थ
Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022- Advertisement -
- प्रियदर्शिका ( नाटिका ) ( 4 अङ्क )
- रत्नावली ( नाटिका ) ( 4 अङ्क )
- नागानन्द ( 5 अङ्क )
भवभूति के प्रमुख नाट्यग्रन्थ
Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022
- मालतीमाधवम् (10 अङ्क)
- महावीरचरितम् (7 अङ्क)
- उत्तररामचरितम् (7 अङ्क)
अन्य प्रमुख नाट्यग्रन्थ
Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPT
- शारिपुत्रप्रकरण (9 अङ्क)– अश्वघोष
- कर्पूरमञ्जरी (सट्टक)(4जवनिका)– राजशेखर
- बालरामायण (10 अङ्क) – राजशेखर
- कुन्दमाला (6 अङ्क)–दिङ्नाग
- प्रसन्नराघव (7 अङ्क) – जयदेव
- प्रबोधचन्द्रोदय (6 अङ्क) – कृष्णमिश्र
- हनुमन्नाटक – दामोदरमिश्र
- सामवतम् – अम्बिकादत्त व्यास
- पार्वतीपरिणय – बाणभट्ट
- मुकुटताडितक – बाणभट्ट
- शारिकपुत्र प्रकरणम – अश्वघोष
- वेणीसंहराम – भट्टनारायण
- मुद्राराक्षसम – विशाखदत्त
- मृच्छकटिकम – शूद्रक
संस्कृत के प्रमुख गीतिकाव्य/खण्डकाव्य
- ऋतुसंहारम् – कालिदास
- मेघदूतम् –कालिदास
- नीतिशतकम् – भर्तृहरि
- शृङ्गारशतकम् – भर्तृहरि
- वैराग्यशतकम् – भर्तृहरि
- अमरुशतकम् – अमरुक
- गीतगोविन्दम् – जयदेव
- गङ्गालहरी – पण्डित जगन्नाथ
- सुधालहरी – पण्डित जगन्नाथ
- आसफ विलास – पण्डित जगन्नाथ
- जगदाभरण – पण्डित जगन्नाथ
- भामिनी विलास – पण्डित जगन्नाथ
- गाथासप्तशती – हाल
- चौरपञ्चाशिका – बिल्हण
- आर्यासप्तशती – गोवर्धनाचार्य
- चण्डीशतकम् – बाणभट्ट
- सूर्यशतकम् – मयूरभट्ट
- कुट्टिनीमतम् – दामोदरगुप्त
- पवनदूत – धोयी
- हंसदूत – रूपगोस्वामी
संस्कृत के प्रमुख स्तोत्रकाव्य
- शिवताण्डवस्तोत्रम् – रावण
- सौन्दर्यलहरी – शङ्कराचार्य
- आनन्दलहरी – शङ्कराचार्य
- शिवमहिम्नस्तोत्रम् – पुष्पदन्त
- गङ्गास्तव – जयदेव
संस्कृत के प्रमुख सुभाषित ग्रंथ
- सदुक्तिकर्णामृतम् – श्रीधरदास
- सूक्तिमुक्तावली – सिद्धचन्द्रमणि
- सूक्तिरत्नाकर – सिद्धचन्द्रमणि
- सुभाषित सुधानिधि – सायण
- सुभाषित रत्नभाण्डागार – शिवदत्त एवं नारायण राम आचार्य
संस्कृत के प्रमुख कथासाहित्य
- पञ्चतन्त्र – विष्णुशर्मा
- हितोपदेश – नारायणपण्डित
- बृहत्कथा – गुणाढ्य
- बृहत्कथामञ्जरी – क्षेमेन्द्र
- कथासरित्सागर – सोमदेव
- पुरुषपरीक्षा– विद्यापति
- भोजप्रबन्ध – बल्लाल सेन
- जातकमाला – आर्यसूर
- उदयसुन्दरी कथा –सोडल
संस्कृत के प्रमुख चमपुकाव्य
- नलचम्पू – त्रिविक्रमभट्ट
- मदालसचम्पू – त्रिविक्रमभट्ट
- जीवन्धरचम्पू – हरिश्चन्द्र
- रामायणचम्पू – भोजराज
- भारतचम्पू – अनन्तभट्ट
संस्कृत के प्रमुख दर्शनग्रंथ
- सांख्यसूत्र – कपिल
- मीमांसासूत्र – जैमिनी
- वैशेषिकसूत्र – कणाद
- ब्रह्मसूत्र – बादरायण
- योगसूत्र – पतंजलि
- न्यायसूत्रभाष्य – वात्स्यायन
- सांख्यकारिका – ईश्वरकृष्ण
- भामतीटीका, तत्त्वकौमुदी – वाचस्पति
- वेदान्तसार – सदानन्द
- तर्कभाषा – केश्वमिश्र
- तत्त्वचिन्तामणि – गङ्गेशोपाध्याय
संस्कृत के प्रमुख व्याकरणग्रंथ
- अष्टाध्यायी – पाणिनि
- महाभाष्यम् – पतञ्जलि
- सिद्धान्तकौमुदी – भट्टोजिदीक्षित
- प्रौढमनोरमा – भट्टोजिदीक्षित
- लिङ्गानुशासनम् – व्याडि
- वाक्यपदीयम् – भृर्तहरि
- मनोरमाकुचमर्दनम् – पंडितराज जगन्नाथ
- लघुसिद्धान्तकौमुदी – वरदराज
- मध्यसिद्धान्तकौमुदी – वरदराज
- सारसिद्धान्तकौमुदी – वरदराज
- शब्देन्दुशेखर – नागेशभट्ट
- परिभाषेन्दुशेखर – नागेशभट्ट
- काशिकावृत्तिः – ज्यादित्य ओर वामन
- वैयाकरणभूषणसार – कोण्डभट्ट
- कातन्त्रव्याकरण – शर्ववर्मा
- रूपमाला – विमलसरस्वती
- शब्दानुशासनम् – हेमचन्द्र
- चान्द्रव्याकरणम् – चन्दरगोमी
संस्कृत के अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ
- वेदाङ्गज्योतिष – आचार्य लगध
- निरुक्त – यास्क
- छन्दः सूत्रम् – आचार्य पिङ्गल
- चरक संहिता – चरक
- सुश्रुत संहिता – सुश्रुत
- अर्थशास्त्र – कौटिल्य
- मनुस्मृति – मनु
- नामलिङ्गानुशासनम् (अमरकोश) – अमर सिंह
- कामसूत्रम् – वात्स्यायन
- रावणवध/भट्टिकाव्य – भट्टि
- छन्दोमञ्जरी – गङ्गादास
- लीलावती, बीजगणित – भास्कराचार्य
- अणुभाष्यम् – वल्लभाचार्य
- ब्रह्मसूत्र शांकरभाष्य – शङ्कराचार्य
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प्रिय पाठकों हमारे द्वारा दी हुई इस आर्टिकल Sanskrit Ke kavi aur Rachnayen | संस्कृत के कवि और रचनाएँ – CTET,UPTET,HTET,MPTET :2022 में जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गयी है जिसमे मुख्य भूमिका संस्कृत ज्ञान गंगा प्रयागराज की है अगर आपको आर्टिकल में कोई त्रुटि दिखाई देती है तो कृपया कमेंट के माध्यम से आप हमसे संपर्क कर सकते है ।
धन्यवाद…..