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Computer basic Knowledge in Hindi – कंप्यूटर क्या है, इतिहास, प्रकार, भाग, इनपुट आउटपुट डिवाइस और सभी महत्वपूर्ण जानकारी

Akhilesh Kumar
Last updated: 2023/07/11 at 2:35 PM
Akhilesh Kumar Published July 11, 2023
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Computer basic Knowledge in Hindi – कंप्यूटर क्या है, इतिहास, प्रकार, भाग, इनपुट आउटपुट डिवाइस और सभी महत्वपूर्ण जानकारी नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट AKstudyhub में आज के आर्टिकल में हम आपके लिये कंप्यूटर के बारे में Computer basic Knowledge in Hindi के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण जानकारी देगें।

Contents
Computer basic Knowledge in Hindi (कंप्यूटर क्या है)कंप्यूटर का इतिहास | Computer History in Hindiभारत में पहला कंप्यूटर कब आयाकम्प्यूटर के भागआउटपुट डिवाइस | Output Deviceकम्प्यूटर मेमोरी यूनिट | Computer Memory Unitद्वितीय मेमोरी | Secondary MemoryComputer Software | कंप्यूटर सॉफ्टवेयरComputer Hardware | कंप्यूटर हार्डवेयरComputer Full Form in hindi | कंप्यूटर का पूरा नामकंप्यूटर के प्रकारएनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)कंप्यूटर का उपयोग क्या है

आधुनिक समय मे कंप्यूटर मनुष्य की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है दुनिया मे कंप्यूटर का उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और दुनिया डिजिटल होती जा रही है। मनुष्य अपने दिन की शुरुआत लगभग कंप्यूटर से करने लगा है ।

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Computer basic Knowledge in Hindi (कंप्यूटर क्या है)

Computer एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो इन्फॉर्मेशन या डेटा को प्रोसेस कर हमें परिणाम देता है कंप्यूटर एक ऐसी डिवाइस है जो महीनों के कार्य मिनटों या घण्टो में करने की क्षमता रखता है आज के समय मे 90% कार्य कंप्यूटर द्वारा पूर्ण किये जाते है।

कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है जो डाटा स्वीकार करता है, उसे भंडारित करता है, दिये गये निर्देशों के 6. अनुरूप विश्लेषण करता है तथा विश्लेषित परिणामों को आवश्यकतानुसार निर्गत करता है। इसमें कोई भाववेग नहीं होता, क्योंकि यह सिर्फ दिये गये दिशा निर्देशों (Program) के अन्दर ही कार्य करता है। यह प्रतिबन्धित ढंग से अपनी सूचना तक पहुँचता है।

कंप्यूटर के आने बाद धीरे धीरे दस्ताबेज का कार्य समाप्ति की और जा रहा है कंप्यूटर पर हम समय देखने से लेकर भविष्य के मौसम तक कि जानकारी रख सकते है ।

कंप्यूटर पर आज के समय हम गेम खेलना, ई मेल करना, वीडियो देखना या कोई भी ऐसा कार्य जिसे पहले के समय मे करने पर समस्याएं प्रकट होती थी वो आज के समय में आसानी से कर सकते है।

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कंप्यूटर का इतिहास | Computer History in Hindi

कंप्यूटर का इतिहास लगभग 2400 बर्ष पुराना है । जिस प्रकार हमारे लिये कंप्यूटर जरूरी है उसी प्रकार कंप्यूटर के इतिहास को जानना भी जरूरी है आपको बता दे कंप्यूटर का अविष्कार एक चीनी व्यक्ति ने संख्याओ के जोड़ने के लिये किया था जिसका नाम अबेकस था ।

पहला डिजिटल कंप्यूटर और जिसे ज्यादातर लोग कंप्यूटर समझते हैं उसे ENIAC कहा जाता था। यह द्वितीय विश्व युद्ध (1943- 1946) के दौरान बनाया गया था और इसे मानव कंप्यूटरों द्वारा की जा रही गणनाओं को स्वचालित करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। कंप्यूटर पर इन गणनाओं को करने से, वे बहुत तेजी से और कम त्रुटियों के साथ परिणाम प्राप्त कर सकते थे।

ENIAC जैसे प्रारंभिक कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था और वे बड़े ( कमरे के आकार के) होते थे और केवल व्यवसायों, विश्वविद्यालयों या सरकारी संस्थानों में पाए जाते थे। बाद में, कंप्यूटर ने ट्रांजिस्टर और छोटे और सस्ते भागों का उपयोग करना शुरू कर दिया, जिससे सामान्य व्यक्ति भी उस कंप्यूटर को अपने घर में रख सके और आसानी से इस्तेमाल कर सके।

अबेकस

Computer basic Knowledge in Hindi - कंप्यूटर क्या है, इतिहास, प्रकार, भाग, इनपुट आउटपुट डिवाइस और सभी महत्वपूर्ण जानकारी

उस समय लोगो को गणना करने में बहुत समय लगता था इसी समस्या का समाधान निकालने के लिये अबेकस का निर्माण किया गया था । अबेकस एक लकड़ी के आयताकार फ्रेम में लोहे की छड़ो में गोलियों को डालकर बनाया गया था गोलियों को ऊपर नीचे करके अंको की गणना की जाती थी ।

पास्कलाइन

अबेकस के बाद ब्लेज पास्कलाइन ने सन 1642 ई में पास्कलाइन का अविष्कार किया यह अबेकस से तेज गति से गणना कर सकता था यह पहला मैकेनिकल केलकुलेटर था।

डिफरेंस इंजन

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यह सर चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया ऐसा यन्त्र था जो सही तरीके से सटीक गणना कर सकता था इसका अविष्कार सन 1822 ई में सर चार्ल्स बैबेज द्वारा किया गया था । इसी डिफरेंस इंजन की तर्ज पर आज के युग के कंप्यूटर बनाये गये है इसलिए सर चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है ।

भारत में पहला कंप्यूटर कब आया

भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत 1952 में कोलकत्ता से हुई सबसे पहले सन 1954 में भारत द्वारा एनालॉग कंप्यूटर बनाया गया । इसे समरेंद्र कुमार मित्रा द्वारा निर्मित किया गया था यह कंप्यूटर 10 X 10 की मेट्रिक को हल कर सकता था । जापान के बाद भारत एशिया का दूसरा ऐसा देश था जिसने कंप्यूटर तकनीक को अपनाया ।

कम्प्यूटर के भाग

कम्प्यूटर के मुख्य भाग छः हैं-

  • 1. CPU (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट)
  • 2. इनपुट डिवाइस (जैसे-की-बोर्ड, माउस, स्कैनर आदि)
  • 3. आउटपुट डिवाइस (जैसे-प्रिंटर, मॉनिटर, स्पीकर आदि)
  • 4. मेमोरी यूनिट (जैसे-रैम)
  • 5. सेकेन्डरी स्टोरेज
  • 6. कम्युनिकेशन डिवाइस

CPU (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट)

सीपीयू (CPU) कम्प्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। कम्प्यूटर सिस्टम में सभी गणनाएँ, संशोधन, एवं तुलनात्मक कार्य सीपीयू द्वारा किया जाता है। इसके अलावा कम्प्यूटर सिस्टम की अन्य यूनिट्स द्वारा किए जाने वाले कार्यों का नियंत्रण एवं उनके क्रियान्वयन के लिए सीपीयू ही जिम्मेदार होता है।

सीपीयू के मुख्य भाग है – ALU, CU, रजिस्टर | CPU मेमोरी क | समन्वय से कार्य करता है। CPU में सभी प्रकार के प्रोसेसिंग कार्य होते हैं।

C.P.U. का पूरा नाम Cenaal Processing Unit है। इसे प्रोसेसर या माइक्रोप्रोसेसर भी कहते है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक | माइकोचिप है जो Data को सूचना में बदलते हुए Process करता है। रैम में C.P.U. की सीधी पहुँच होती है।

एक सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का मुख्य कार्य निर्देशों अथवा प्रोग्रामों को एग्जीक्यूट (प्रोसेसिंग) करना है इसके अलावा प्रोसेसिंग यूनिट अन्य सभी भागों जैसे- मेमोरी यूनिट, इनपुट एवं | आउटपुट डिवाइसेस के कार्यों को भी कन्ट्रोल करती है।

सीपीयू (Central Processing Unit-CPU) कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में लगा एक सघन इंटेग्रेटेड चिप (IC Chip) है जिसे माइक्रोप्रोसेसर भी कहते है। यह कम्पयूटर के सभी कार्यों को नियंत्रित निर्देशित तथा समन्वित करता है इसलिए इसे कम्प्यूटर का दिमाग भी कहते है।

प्रोसेसिंग यूनिट के कन्ट्रोल के अन्तर्गत इनपुट डिवाइस से डाटा एवं प्रोग्राम ग्रहण एवं मेमोरी में स्टोर किए जात है। प्रोग्राम अनुदेशों के अनुसार प्रोसेसिंग के बाद आउटपुट के रूप में रिजल्ट प्राप्त होता है।

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit- (CPU) को हार्डवेयर की दृष्टि से तीन मुख्य भागों में बाटा जा सकता है-

  • (i) कंट्रोल यूनिट
  • (ii) मेमोरी रजिस्टर
  • (iii) अरिथमैटिक लॉजिक यूनिट (ALU)

ALU डाटा प्रोसेसिंग का वास्तविक कार्य करता है। यह डाटा पर कंट्रोल यूनिट से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सभी प्रकार की गणितीय तथा तार्किक कार्यवाहियाँ करता है।

इनपुट डिवाइस | Input Device

किसी दी हुई कम्प्यूटर प्रणाली में बहुत से इनपुट डिवाइस होते है। कम्प्यूटर में इनपुट डिवाइस एक प्रकार की विद्युत यान्त्रिक युक्ति है जो डाटा और अनुदेशों को स्वीकार कर उन्हें बाइनरी रूप में परिवर्तित कर कम्प्यूटर के प्रयोग के लायक बनाता है। जैसे- की-बोर्ड, माउस, जॉयस्टिक, स्कैनर, माइक, फ्लापी ड्राइव, टच स्क्रीन, बार कोड रीडर, प्रकाशीय पेन आदि।

इनपुट यूनिट के अन्तर्गत बाहरी दुनिया से डाटा स्वीकार करना, डाटा को बाइनरी कोड में बदलना जिसे कम्प्यूटर समझ सके तथा प्रोसेसिंग के लिए डाटा बाइनरी रूप में कम्प्यूटर को भेजना शामिल है जबकि बाइनरी डाटा को मानव द्वारा पढ़े जाने वाले रूप में बदलना प्रोसेसिंग के अन्तर्गत आता है।

क्रम संख्याप्रमुख इनपुट डिवाइस
1की बोर्ड
2माउस
3ट्रैकबॉल
4जॉयस्टिक
5स्कैनर
6माइक्रोफोन
7वेब केम
8बार कोड रीडर
9OCR
10MICR
11OMR
12किम बॉल टैग रीडर
13स्पीच रिकॉग्निशन
14लाइट पेन
15टच स्क्रीन
  • माउस (Mouse) – यह एक इनपुट डिवाइस है, जिसे प्वाइंटिंग डिवाइस (pointing device) भी कहा जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI- Graphical User Interface) के प्रयोग से इसका महत्व बढ़ गया है। माउस में दो या तीन बटन हो सकते हैं जिन्हें दायां, बायां और मध्य बटन (right, left and centre button) कहते हैं। इसके नीचे एक रबर बॉल होता है जो किसी समतल सतह (माउस प्लाइंटर) की गति और दिशा में परिवर्तित हो जाती है।
  • ट्रैक बाल (Track Ball) : यह माउस का ही प्रारूप है जिसमें रबर बाल नीचे न होकर ऊपर होता है। इसमें माउस को अपने स्थान से हटाए बिना रबर बाल को घुमाकर माउस प्वाइंटर के स्थान में परिवर्तन किया जाता है। इसका प्रयोग मुख्यतः कैड (CAD- | Computer Aided Design) तथा कैम (CAM-Computer | Aided Manufacturing) में किया जाता है।
  • जॉयस्टिक (Joystick ) : यह एक प्वाइंटिंग डिवाइस है जो ट्रैकबाल की तरह ही कार्य करता है। बॉल के साथ एक छड़ी लगा दी जाती है ताकि बॉल को आसानी से घुमाया जा सके इसका उपयोग वीडियों गेम, सिमुलेटर प्रशिक्षण (Simulator training), आदि में किया जाता है।
  • OCR (Optical Character Recognition) का प्रयोग आब्जेक्टिव आंसर सीट को जाँचने के लिए किया जाता है। स्कैनर द्वारा स्कैन किया गया डाक्यूमेंट बिटमैप इमेज के रूप में होता है, जिसके चित्र में एडिट कर सकते हैं, परन्तु टेक्स्ट में नहीं। OCR टेक्स्ट डाक्यूमेंट की पहचान कर उसे वर्ड प्रोसेसिंग टेक्स्ट में बदलता है ताकि उसमें सुधारात्मक प्रक्रिया संचालित की जा सके।
  • की-बोर्ड आधुनिक कम्प्यूटर में प्रयुक्त सबसे सामान्य | निवेश उपकरण (Input Device) है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में | अल्फान्यूमेरिक डाटा डालने तथा कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए | किया जाता है। माउस एक अन्य महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है।
  • स्कैनर (Scanner) एक इनपुट डिवाइस है जिसका प्रयोग कर टेक्स्ट, तस्वीर, और रेखांकित चित्र को डिजिटल रूप में परिवर्तित कर मेमोरी में सुरक्षित रखा जा सकता है। डिजिटल चित्र पर कम्प्यूटर द्वारा प्रोसेसिंग भी किया जा सकता है। स्कैनर दो प्रकार का होता है –
  • 1.फ्लैटबेड स्कैनर : इसका आकार फोटोकॉपियर की तरह होता है।
  • 2.हैंड हेल्ड स्कैनर (Hand held Scanner): जबकि प्लाटर,
  • जॉयस्टिक कम्प्यूटर पर गेम खेलने के लिए जॉयस्टिक एक लोकप्रिय Input डिवाइस है। इसे माउस की तरह ही कर्सर को स्क्रीन पर घुमाने के लिए इस्तेमाल करते है जॉयस्टिक एक छड़ी |(Stick) होती है जिसमें ऊपर तथा नीचे दोनों ओर एक गोलाकार बॉल लगी होती है इसे दाएँ, बाँए, आगे, पीछे, घुमाया जा सकता है। इसके भीतर लगा इलेक्ट्रॉनिक सर्किट इसकी सेंट्रल पोजीसन से हुए डिस्प्लेसमेंट को डिटेक्ट करता है तथा सूचना को प्रोसेसर तक भेजता है।
  • बेवकेम वीडियोकान्फ्रेसिंग एक तकनीक है, जिसकी सहायता से दो या दो से अधिक दूरस्थ स्थानों पर स्थित व्यक्ति आपस में दृश्य तथा श्रव्य (Video and Audio) संचार स्थापित करते हैं। इसमें नेटवर्क तथा कम्प्यूटर (माइक, स्पीकर, कैमरा) का प्रयोग किया जाता है। इसमें प्रयुक्त कैमरे को वेबकैम कहा जाता है, जबकि माउस और स्कैनर इनपुट डिवाइस तथा प्रिन्टर एक आउटपुट डिवाइस है।
  • स्पीच रिकॉग्नीशन सिस्टम माइक्रोफोन या टेलीफोन द्वारा। बोले गये शब्दों को पकड़ कर ध्वनि में परिवर्तित करने की क्रिया है। यह बोले हुये शब्दों को मशीन के पढ़ने लायक इनपुट में बदल ) देता है। इसका प्रयोग सिस्टम सिक्योरिटी द्वारा सिस्टम के अधिकृत यूजर की पहचान के लिए भी होता है। शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जहाँ टेलीफोन इनपुट की जरूरत होती है वहां भी व्यक्ति इस सिस्टम का प्रयोग करते है।
  • OMR (Optical Mark Recognition) एक ऐसी डिवाइस होती है, जो पेंसिल या पेन से बने चिन्ह के प्रकार की पहचान करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
  • बार कोड रीडर एक विशेष डिवाइस है, जो बार कोडेड डाटा को पढ़ने के लिए इस्तेमाल होती है। बार कोड एक विशेष प्रकार का कोड होता है। इसमें छोटी-छोटी लाइनों की एक सीरीज होती है, जिसमें प्रोडक्ट से सम्बन्धित सारी जानकारी होती है। बारकोड रीडर का प्रयोग पोस्ट ऑफिस सुपर बाजार आदि में होता हैं।
  • माइक्रोफोन एक इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग | किसी भी आवाज को रिकार्ड करने में किया जाता है। माइक्रोफोन का अविष्कार 1876 में पहली बार एमिलो बार्लेनट ने किया था।

आउटपुट डिवाइस | Output Device

जिस माध्यम से हमे परिणाम प्राप्त होते है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है कम्प्यूटर अपनी बात मॉनीटर द्वारा प्रदर्शित करता है। अर्थात् मॉनीटर कम्प्यूटर का आउटपुट दिखाता है। ऐसे उपकरण जो कम्प्यूटर जनित सूचनाओं का प्रदर्शन करते हैं आउटपुट उपकरण (Output devices) कहलाते हैं।

सी.आर.टी. मॉनीटर, ईयरफोन्स, ड्रम पेन, प्लॉटर आदि कम्प्यूटर की आउटपुट युक्तियाँ है। ड्रम पेन, प्लॉटर कम्प्यूटर जनित आकृतियों को कागज पर खींचने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला यंत्र है जबकि डिजिटल कैमरा एक इनपुट डिवाइस है।

ऐसे उपकरण जो कम्प्यूटर जनित सूचनाओं का प्रदर्शन करते हैं, आउटपुट उपकरण (Output devices) कहलाते हैं। सी. आर. टी. मानीटर, ईयर फोन्स, ड्रम पेन प्लाटर आदि कम्प्यूटर की आउटपुट युक्तियाँ है। ड्रम पेन प्लाटर कम्प्यूटर जनित आकृतियों को कागज पर खींचने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला यंत्र है जबकि डिजिटल कैमरा एक इनपुट युक्ति है।

क्रम संख्याप्रमुख आउटपुट डिवाइस
1मॉनीटर
2प्रिंटर
3स्पीकर
4प्लॉटर
5स्क्रीन इमेज प्रोजेक्टर
  • प्लाटर, प्रिंटर की तरह हॉर्ड कॉपी प्रस्तुत करने वाला | एक आउटपुट डिवाइस है। इसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले रेखाचित्र एवं ग्राफ बनाने में होता है। यह सूचना को कागज पर तस्वीर के रूप में स्थानांतरित करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
  • प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है, जो कम्प्यूटर से प्राप्त जानकारी को कागज पर छापता है। नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटिंग में प्रिंट हैड या कागज के मध्य संपर्क नहीं होता है। इसमें लेजर प्रिंटिंग द्वारा प्रिंटिंग की जाती है, जो प्रभावी प्रिंटर की मान्य श्रेणी नहीं है।
  • मॉनीटर एक पेरीफेरल आउटपुट डिवाइस है, जो प्रयोक्ता को इनफार्मेशन डिस्प्ले के रूप में देता है। ऐसी डिवाइसे जो CPU से बाह्य रूप जुड़ती है, पेरीफेरल डिवाइसें कहलाती हैं। जैसे- मॉनीटर, की बोर्ड, माउस, प्रिंटर आदि ।

कम्प्यूटर मेमोरी यूनिट | Computer Memory Unit

कंप्यूटर में मेमोरी को दो भागों में विभाजित किया जाता है

  1. प्राथमिक मेमोरी ( Primary Memory )
  2. द्वितीय मेमोरी ( Secondary Memory )

प्राथमिक मेमोरी ( Primary Memory )

मेमोरी (Memory) पद का प्रयोग कम्प्यूटर में डाटा, प्रोग्राम और अनुदेशों को स्थायी या अस्थायी तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता है।

प्राइमरी स्टोरेज यूनिट को प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) या मुख्य मेमोरी (Main Memory) या इंटरनल स्टोरेज भी कहते है। प्राथमिक मेमोरी सीधे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से सम्पर्क रखता है तथा हर समय कम्प्यूटर से जुड़ा रहता है। प्राथमिक मेमोरी की गति तीव्र होती है लेकिन इसकी स्टोरेज क्षमता सीमित तथा कीमत अधिक होती है। यह सामान्यतः अस्थायी मेमोरी है, जैसे- RAM, ROM, Cache Memory

जब प्रोसेसर प्रोग्रामों और डाटा को यूज कर रहा होता है। तब उन्हें मेन मेमोरी में रखता है। मेन मेमोरी के अर्न्तगत RAM | तथा ROM आदि आते हैं। जब कम्प्यूटर पर कार्य हो रहा होता है। तो प्रोग्राम तथा डाटा को कम्प्यूटर मेन मेमौरी में लोड कर लेता है। तथा उस पर कार्य करता रहता है, जब डाटा को सेव करते है तब वह सेकेन्डरी मेमोरी में स्थायी रूप से सेव हो जाता है।

  • रैम (Random Access Memory RAM) कम्प्यूटर डाटा संग्रहण का एक रूप है। यह कम्प्यूटर की अस्थाई मेमोरी है। यह एकीकृत परिपथ के रूप में संग्रहित डाटा को किसी भी क्रम में एक्सेस होने की अनुमति प्रदान करता है। रैम में डाटा का कोई भी हिस्सा अपनी भौतिक स्थिति चाहे यह डाटा के पिछले हिस्से से संबंधित हो या न हो, इन सबकी परवाह किए बगैर निर्धारित समय में वापस आ सकता है। यदि यह सिस्टम की | आवृत्ति पर काम करती है, तो SDRAM कहलाती है जो आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होती है।
  • SRAM (Static-RAM), DRAM (Dynamic- | RAM) की तुलना में तेज तथा कम्प्यूटर में सामान्यतः कैश मेमोरी के रूप में प्रयुक्त होने वाली मेमोरी है। इसको बार-बार रिफ्रेश करने र की आवश्यकता नहीं होती इसलिए यह DRAM से काफी तेज | होता है।
  • DRAM स्टैटिक रैम की तुलना में धीमी होती है क्योंकि गतिशील रैम को बार-बार रिफ्रेश करने की | जरूरत होती है। DRAM तभी तक कार्य करता है जब तक बिजली की सप्लाई मिलती है।
  • रोम (ROM- Read Only Memory) एक स्थायी इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी है जिसमें संग्रहित डाटा व सूचनाएँ स्वयं नष्ट नहीं होती है तथा उन्हें बदला भी नहीं जा सकता। रोम में सूचनाएँ निर्माण के समय ही भर दी जाती हैं तथा कम्प्यूटर इन्हें केवल पढ़ सकता है, इनमें परिवर्तन नहीं कर सकता अतः यह नॉन बोलाटाइल मेमोरी होती है। कम्प्यूटर की सप्लाई बंद (ऑफ) कर देने पर भी रोम में सूचनाएँ बनी रहती हैं।
  • PROM, Programmable Read only memory.का संक्षिप्त रूप है। PROM एक विशेष प्रकार की ROM है। जिसको एक विशेष प्रक्रिया द्वारा उपयोगकर्त्ता के अनुकूल डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है। एक बार प्रोग्राम कर दिये जाने के बाद यह सामान्य ROM की तरह व्यवहार करता है।
  • EPROM, प्राइमरी मेमोरी के अन्तर्गत आने वाले स्थाई | मेमोरी (ROM) का एक प्रकार है। इसे रैण्डमली एक्सेस किया जा | सकता है। इसे नान-वोलाटाइल मेमोरी भी कहते हैं। इसमें पराबैगनी किरणों की सहायता से पुराने प्रोग्राम को नये प्रोग्राम से रिप्लेस किया जा सकता है, जबकि द्वितीयक मेमोरी क्रमानुसार मेमोरी है, जिसका उदाहरण मैग्नेटिक टेप है।
  • कैश मेमोरी एक अस्थाई, रैम की तुलना में तेज अस्थाई (RRB JE (Shift-III), 27.08.2015) (Volatile) प्राइमरी मेमोरी का एक प्रकार है, यह रैण्डमली एक्सेस मेमोरी है। जिसका प्रयोग मेमोरी- प्रोसेसर बीच के गति अवरोध | मेमोरी का आकार 256 KB से 4 MB तक होता है। अतः यह रैम की तुलना में छोटी होती है जबकि क्रमानुसार ( Sequential) मेमोरी दूर करने के लिए किया जाता है। सामान्यतः कम्प्यूटर में प्रयुक्त कैश (मैग्नेटिक टेप) एक द्वितीयक प्रकार की मेमोरी है।

द्वितीय मेमोरी | Secondary Memory

रैम प्राथमिक मेमोरी का भाग है। जबकि डीवीडी, फ्लॉपी डिस्क, चुंबकीय टेप द्वितीयक मेमोरी के भाग हैं। प्राथमिक और द्वितीयक मेमोरी में यह अंतर होता है कि प्राथमिक मेमोरी कम्प्यूटर के भीतर विद्यमान रहती

  • CD-RW (Compact disk Re Writable) एक डिजिटल ऑप्टिकल डिस्क है, जो सूचना संग्रह हेतु प्रयुक्त की जाती है। इस डिस्क में सूचना को बार-बार लिखा और पढ़ा जा सकता है। इसके लिए विशेष CD-RW ड्राइव की जरूरत पड़ती
  • CD-ROM में रखी सूचना को केवल रीड किया जा सकता है जबकि CD-RW Rewritable storage media होती है। जिसे रीड और राइट दोनों किया जा सकता है।
  • हार्ड डिस्क ड्राईवर, हार्ड डिस्क या HDD तीनों एक ही है। हार्ड डिस्क धातु से बनी ऐसी मैग्नेटिक डिवाइस है, जो बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोरेज हेतु प्रयोग की जाती है। इसकी ट्रैक और बिट एन्टिटीज, मैग्नेटिक टेप की अपेक्षा अधिक होती है। यह फ्लॉपी डिस्क की तुलना में अधिक तेजी से सूचना स्टोर कर सकती है। यह इन्टर्नल और एक्टर्नल दोनों प्रकार की होती है। इसमें प्लाटर, हेड्स, ट्रैक्स, सेक्टर, क्लस्टर इत्यादि कम्पोनेन्ट होते हैं।
  • CD (काम्पैक्ट डिस्क) का संक्षिप्त रूप है यह ऑप्टिकल डिस्क का एक प्रकार है जो, पॉलीकार्बोनेट से बनी होती है। CD, फिलिप्स और सोनी कम्पनी द्वारा 1982 में विकसित किया गया है। सीडी रीड ओनली तथा रीड राइट दोनों प्रकार से उपलब्ध है। अतः इसमें डाटा को रीड तथा राइट सकते है।
  • फ्लॉपी डिस्क एक प्रकार की मेमोरी होती है, जो एक | निश्चित स्थान के चारों तरफ घूमती रहती है। यह प्लास्टिक की बनी एक वृत्ताकार डिस्क होती है, जिस पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप चढ़ा रहता है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे प्लास्टिक के वर्गाकार खोल में रखा जाता है। इसका उपयोग कम्प्यूटर में पढ़ने लिखने के लिए किया जाता है, जिसे ड्राइव ‘A’ के नाम से भी जाना जाता है। आजकल नये मेमोरी यन्त्र के आ जाने के कारण फ्लॉपी डिस्क ड्राइव एवं डिस्क का प्रयोग बेहद घट गया है।
  • डीवीडी (DVD) ऑप्टिकल डिस्क (रैण्डम एक्सेस मेमोरी) का एक उदाहरण है जिसे डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क कहते | यह साधारण CD ROM की तुलना में ज्यादा डाटा स्टोर करते हैं। डीवीडी साधारणतयः 47GB तथा विशेष परिस्थितियों में 45 से 50 GB डाटा स्टोर कर सकते हैं।

Computer Software | कंप्यूटर सॉफ्टवेयर

कम्प्यूटर के संदर्भ में सॉफ्टवेयर का अर्थ कम्प्यूटर प्रोग्राम से है। सॉफ्टवेयर निर्देशों का समूह होता है जो एक विशेष नियम (एलगोरिथ्म) को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है। यह सिक्वेन्सियल आर्डर पर कार्य करता है। सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर के कार्यों को नियन्त्रित करता है तथा हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है।

सॉफ्टवेयर (Software) कम्प्यूटर का एक हिस्सा है। जिसमें डेटा या कम्प्यूटर निर्देश (Instructions) शामिल होते हैं। सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर को बताते हैं कि क्या करना हैं, जिसे प्रोग्रामर द्वारा यूजर की जरूरत के अनुसार बनाया जाता है। जैसे- Adobe | Photoshop, Google Chrome, MS-DOS, Skype, VLC |Media Player आदि ।

वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रैडशीट और फोटो एडिटिंग एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कम्प्यूटर पर आधारित मुख्य कार्यों को करने के लिए लिखे जाते हैं जबकि सिस्टम सॉफ्टवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है जिसका कार्य कम्प्यूटर को चलाना है। उदाहरण-ऑपरेटिंग सिस्टम

Computer Hardware | कंप्यूटर हार्डवेयर

कंप्यूटर हार्डवेयर भौतिक डिवाइस होते है जिनको हम स्पर्श कर सकते है जिस तरह हम सॉफ्टवेयर को केबल देख सकते है उसके विपरीत हम हार्डवेयर को छू सकते है हार्डवेयर के मुख्यतः पांच भाग होते है जो निम्नलिखित है।

  • CPU सीपीयू सीपीयू (CPU) कम्प्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। कम्प्यूटर सिस्टम में सभी गणनाएँ, संशोधन, एवं तुलनात्मक कार्य सीपीयू द्वारा किया जाता है। इसके अलावा कम्प्यूटर सिस्टम की अन्य यूनिट्स द्वारा किए जाने वाले कार्यों का नियंत्रण एवं उनके क्रियान्वयन के लिए सीपीयू ही जिम्मेदार होता है।
  • Monitor मॉनीटर एक पेरीफेरल आउटपुट डिवाइस है, जो प्रयोक्ता को इनफार्मेशन डिस्प्ले के रूप में देता है। ऐसी डिवाइसे जो CPU से बाह्य रूप जुड़ती है, पेरीफेरल डिवाइसें कहलाती हैं यह एक हार्डवेयर है।
  • की-बोर्ड आधुनिक कम्प्यूटर में प्रयुक्त सबसे सामान्य | निवेश उपकरण (Input Device) है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में | अल्फान्यूमेरिक डाटा डालने तथा कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए | किया जाता है। माउस एक अन्य महत्वपूर्ण इनपुट डिवाइस है।
  • माउस (Mouse) – यह एक इनपुट डिवाइस है, जिसे प्वाइंटिंग डिवाइस (pointing device) भी कहा जाता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI- Graphical User Interface) के प्रयोग से इसका महत्व बढ़ गया है। माउस में दो या तीन बटन हो सकते हैं जिन्हें दायां, बायां और मध्य बटन (right, left and centre button) कहते हैं। इसके नीचे एक रबर बॉल होता है जो किसी समतल सतह (माउस प्लाइंटर) की गति और दिशा में परिवर्तित हो जाती है।
  • UPS यूपीएस इसका सम्पूर्ण नाम uninterruptible power supply है यह कंप्यूटर को विजली प्रदान करने का कार्य करता है। अगर किसी कारण विजली बन्द हो जाय तो यह 15 से 20 मिनिट तक कंप्यूटर को चालू रखने का कार्य करता है।

Computer Full Form in hindi | कंप्यूटर का पूरा नाम

COMPUTER (कंप्यूटर ) ka full form: Common Operating Machine Purposely used for Technological and Educational research (कॉमन ऑपरेटिंग मशीन पर्पसली यूज्ड फॉर टेक्नोलॉजिकल एंड एजुकेशनल रिसर्च)

कंप्यूटर के प्रकार

एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)

इस प्रकार के कंप्यूटर को analog डेटा को प्रोसेस करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनालॉग कंप्यूटर, उपकरणों का कोई भी class जिसमें लगातार परिवर्तनशील (variable) भौतिक मात्राएँ, जैसे विद्युत क्षमता द्रव दबाव (fluid pressure), या mechanical गति, को हल की जाने वाली समस्या में संबंधित मात्राओं के अनुरूप तरीके से दर्शाया जाता है।

इसका व्यापक रूप से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है।

उदाहरण

  1. धर्मामीटर
  2. एनालॉग घड़ी।
  3. स्पीडोमीटर
  4. सीस्मोमीटर।
  5. वोल्टमीटर।
  6. फ्लाइट सिमुलेटर।
  7. टाइड पेडिक्टर।

डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)

डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार बहुत तेज गति से विभिन्न गणेना और तार्किक संचालन करने के लिए किया गया था। ये कंप्यूटर raw डेटा को इनपुट के रूप में accept करते हैं, और बाइनरी नंबर (0 और 1) या डिजिटल में किया जाता है।

मूल रूप से, डिजिटल कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को बड़ी मात्रा में जानकारी संग्रहीत करने की अनुमति देते हैं और फिर संग्रहीत जानकारी को आवश्यक के हिसाब से पुनर्प्राप्त किया जा सकता है।

उदाहरण

  1. पर्सनल कंप्यूटर
  2. डेस्कटॉप
  3. लैपटॉप
  4. स्मार्टफोन
  5. मोबाइल आदि ।

हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)

इस प्रकार के कंप्यूटर ऐसे उपकरण होते है जिनमें analog और digital] कंप्यूटर दोनों की विशेषताएं होती है। पानी की यह एक एनालॉग कंप्यूटर की तरह तेज़ है और इसमें डिजिटल कंप्यूटर की तरह मेमोरी और सटीकता होती हैं।

Hybrid computers एनालॉग संकेतों (signals) को स्वीकार करता है और processing से पहले उन्हें डिजिटल रूप में परिवर्तित कर देता है। इस प्रकार के कंप्यूटर उपकरणों का उपयोग अस्पतालों, हवाई जहाजों और कई वैज्ञानिक अनुप्रयोगों में किया जाता है।

उदाहरण

  1. गैसोलीन स्टेशन
  2. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम मशीन
  3. निगरानी मशीन
  4. अल्ट्रासाउंड मशीन
  5. फोरेंसिक
  6. रक्षा मशीन आदि

कंप्यूटर का उपयोग क्या है

आधुनिक समय मे कंप्यूटर का उपयोग बहुत ही ज्यादा हो रहा है मनुष्य बिना कंप्यूटर के कोई भी कार्य नही कर रहा कंप्यूटर की बजह से लोगो को अपने कार्य करने में बहुत ही आसानी होती है आपको जानकारी होगी कि आज के समय मे बैंक,डाकखाना, या कोई भी सरकारी या अर्धसरकारी कार्यलयों में दस्ताबेज का कोई भी कार्य नही रह गया।

अब सभी कार्यालयों के कार्य कंप्यूटर के माध्यम से पूरे किए जाने लगे है कंप्यूटर की बजह से मानव जाति को बहुत ही अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है।

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