Picsart 22 10 01 18 29 57 017

प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) क्या है | कारक,प्रकार और महत्व Free PDF Notes 2022

प्रकाश-संश्लेषण क्या है ? यह एक उपचयन और अपचयन प्रक्रिया है । जल के उपचयन से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के अपचयन से शर्करा मिलती है ।

यह एक उष्माक्षेपी अभिक्रिया है , प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को फोटोनिक ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन भी कहा जाता है । यह वायुमण्डल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की साम्यावस्था स्थिति के नियंत्रण में सहायता प्रदान करता है ।

प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया अत्यन्त जटिल प्रक्रिया है , इस प्रक्रिया में बहुत प्रकार की घटनाओं का समावेश होता है । प्रारम्भ से ही विज्ञानों का ऐसा अनुमान था कि सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरोफिल में जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड के एक एक अणु से पहले फार्मेल्डिहाइड निर्मित होता है । इसके बहुलीकरण से गलूकोज निर्मित होती है ।

फार्मेल्डिहाइड पौधों के निमित्त हानिकारक होने की जानकारी के पश्चात, इस अवधारणा को अमान्य किया गया है । सी बी वॉन नील के अनुसार ऑक्सीजन,जल के स्थान पर बैक्टीरिया सल्फर के अपघटन से प्राप्त होती है न कि कार्बन डाइऑक्साइड से।

प्रकाश संश्लेषण के निमित्त आवश्यक अनुकूलन

सिर्फ हरे पौधे ही प्रकाश संश्लेषण क्रिया करने में सक्षम होते है । सर्वाधिक उपयुक्त स्थान पर हरे पौधों में पत्तियां होती है , जिनमे प्रकाश संश्लेषण के निमित्त अनुकूलन होते है जो निम्न है ।

  • सूर्य का प्रकाश ग्रहण करने के निमित्त पत्तियों की ऊपरी सतह के क्षेत्रफल अत्यधिक उपलब्ध होता है ।
  • हरे पौधों की पत्तियों के बाहरी भाग में स्थित रन्ध्र दिन के समय खुले रहते है
  • इन रंध्रों के द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड प्रवेश करती है और प्रकाश संश्लेषण के उपयोग में आती है
  • इन्ही रंध्रों से ऑक्सीजन बाहर निकलती है
  • हरे पौधों की पत्तियों के संवहन फूलो में जाइलम एवं पोषवाह उपस्थित होते है
  • प्रकाश संश्लेषण के निमित्त जाइलम कोशिकाएं मृदा से जल औऱ खनिज लवणों का अवशोषण कर पत्तियों तक पंहुचती है ।
  • मण्ड प्रकाश संश्लेषण का अंतिम उत्पाद होता है।यह घुलनशील शर्करा के रूप में पत्तियों से पोषवाह द्वारा पौधों के समस्त भागो तक पहुँच जाता है

प्रकाश-संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक मुख्यतः दो प्रकार के होते है ।

1. बाह्य कारक

बाह्य करको मुख्य रूप से प्रकाश, तापक्रम, कार्बन डाइऑक्साइड , जल, ऑक्सीजन, प्रदूषक ओर खनिज आते है जिन्हें हम संक्षिप्त में जानने की कोशिश करेंगे ।

(A) प्रकाश – हरे पौधों में प्रकाश संश्लेषण द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स के अणुओं में संचित ऊर्जा का प्रमुख स्रोत प्रकाश है। इसलिए इस क्रिया का प्रकाश से प्रभावित होना स्वभाविक है। प्रकाश का हरे पौधों तक पहुँचने का स्त्रोत सौर विकिरण (transmit) होता है। जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में गति करता है।

हरे पौधों की पत्तियों पर पहुँचने वाले कुल प्रकाश का लगभग 75-85% भाग उनके द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। शेष का 10% उपापचयी क्रियाओं में (पत्तियों से परावर्तित) तथा 5% प्रकाश पत्तियों से पारगत होता है।

प्रकाश-संश्लेण में अवशोषित प्रकाश का केवल 0.5% – 3.5% ऊर्जा के रूप में उपयोग होता है। प्रकाश की कुछ मात्रा का उपयोग वाष्पोत्सर्जन में होता है। पत्ती द्वारा प्रकाश की शेष अवशोषित मात्रा ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है।

(B) कार्बन डाइऑक्साइड – प्रकाश संश्लेषण की दर को कार्बन डाइऑक्साइड की सान्द्रता अत्यधिक प्रभावित करती है। अतः कार्बन डाइऑक्साइड सामान्यतः सीमाकारी कारक (limiting factor) होता है।

कार्बन डाइऑक्साइड की 0.03 सांद्रता में पौधे प्रकाश संश्लेषण कुशलतापूर्वक सुगमता से करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड की यह मात्रा वायुमण्डल में कार्बन चक्र (carbon cycle) द्वारा लगभग स्थिर रहती है। कार्बन डाइऑक्साइड के वायुमंडल में अनेक स्रोत होते हैं,

(C) तापक्रम – प्रकाश-संश्लेषण के निमित्त 10-35°C के मध्य तापक्रम अधिक उपयुक्त/ अनुकूलतम होता है। अपवाद स्वरूप कुछ शैवाल 75°C पर भी प्रकाश-संश्लेषण सामान्य/सुगमतापूर्वक करते हैं।

पौधों के प्रकाश संश्लेषण में तापक्रम के उचित प्रभाव के निमित्त वनस्पतिविज्ञवान्टहॉफ (vant Hoff) ने एक नियम प्रस्तावित किया, जिसके अनुसार पौधों में 10°C से 30°C के बीच तापमान में प्रकाश संश्लेषण दर में वृद्धि होती है और यह भी कहा कि प्रति 10℃ तापमान की व्रद्धि पर प्रकाश संश्लेषण क्रिया की दर दो गुनी हो जाती है लेकिन यह प्रभाव सीमित 30℃ तक ही रहता है ।

(D) जल – जल कभी भी प्रकाश संश्लेषण के लिए सीमाकारी कारक ( limiting factor) नहीं होता है, क्योंकि कुल अवशोषित जल की मात्रा 1% जल ही प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त होता है।

पौधों को जल की न्यूनत अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। प्रकाश संश्लेषण की दर अधिक समय तक जल की आपूर्ति न होने पर या अपर्याप्त होने पर कम हो जाती है।

(E) ऑक्सीजन – प्रकाश संश्लेषण की क्रिया ऑक्सीजन की अधिकता में रुक जाती है क्योंकि ऑक्सीजन की अधिकता श्वसन की दर में वृद्धि करती है। परिणामस्वरूप क्लोरोफिल की उत्तेजित अवस्था नष्ट हो जाती है और प्रकाश संश्लेषण पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है।

(F) प्रदूषक वातावरण में परऑक्सीऐसीटाइल नाइट्रेट (PAN) एवं ओजोन का निर्माण धुएँ में उपस्थित नाइट्रोजन तथा हाइड्रोकार्बन के ऑक्साइड के क्रिया करने से होता है। PAN हिल अभिक्रियाओं को संदर्भित करता है।

सामान्य बायलोजन डाइवेट (diquat) एवं पैराक्वेट (paraquat) PS II में Q तथा PQ के मध्य इलेक्ट्रानों के स्थान्तरण को अवरुद्ध कर देते है।

(G) खनिज – प्रमुख खनिज Mn” एवं CI की उपस्थिति प्रकाशीय अभिक्रिया अर्थात् जल के प्रकाश अपघटन / ऑक्सीजन के निष्कासन को सुचारू रूप से संचालित करने के निमित्त आवश्यक होता है। क्लोरोफिल के संश्लेषण के लिए Mg” तथा Feth आयन महत्त्वपूर्ण होते हैं।

2. आन्तरिक कारक

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने बाले आंतरिक कारक निम्नलिखित है जिन्हें हम विस्तार से समझने की कोशिश करेंगे।

(A) जीवद्रव्य कारक जीवद्रव्य (protoplasm) में कुछ अज्ञात कारक उपस्थित होते हैं जो प्रकाश संश्लेषण की दर को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। अनेक पौधे इस प्रकार की एन्जाइमिक प्रकृति वाले कारक की उपस्थिति प्रदर्शित करते हैं।

ये कारक सामान्यतः अंधकार अभिक्रिया पर प्रभाव डालते हैं। तापमान 35°C से अधिक होने की स्थिति में प्रकाश संश्लेषण की दर कम हो जाती है।

प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की क्षमता उच्च तापमान पर समाप्त हो जाती है। ऐसा प्रदर्शन अधिक प्रखर प्रकाश (high-light intensity) में भी स्पष्ट रूप से देखा जाता है।

(B) पर्णहरिम या क्लोरोफिल – प्रकाश संश्लेषण क्रिया में क्लोरोफिल एक महत्त्वपूर्ण आन्तरिक सीमाकारी कारक है। प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण क्लोरोफिल के अणुओं द्वारा ही होता है।

क्लोरोफिल की अनुपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण क्रिया संभव नहीं होती है। हरी पत्तियों वाले पौधों की अपेक्षा चित्तकबरी पत्तियों (क्रोटन, croton) व अन्य पौधों की सबल पत्तियों (varginated leaves) के जिन भागों में क्लोरोफिल का अभाव होता है, वहाँ मण्ड का निर्माण नहीं होता है।

(C) प्रकाश संश्लेषण के उत्पादों का एकत्रीकरण – प्रकाश संश्लेषण में भोज्य पदार्थ (मण्ड) संचय के कारण प्रकाश संश्लेषण की दर प्रभावित होती है। कोशिका में शर्करा (मण्ड) उत्पादन की दर उसके स्थानान्तरण की दर से अपेक्षाकृत अधिक होने पर आवश्यकता से अधिक शर्करा (प्रकाश-संश्लेषण में निर्मित उत्पाद) पत्ती की पूर्ण मध्योतक की कोशिकाओं (mesophyll cells) में संग्रहित होने लगती है।

परिणामस्वरूप प्रकाश संश्लेषण की दर प्रभावित होती है और उसकी दर में गिरावट आती है। इसके विपरीत कोशिकाओं में इन उत्पादों की सांद्रता में वृद्धि होने से श्वसन दर में वृद्धि हो जाती है।

पादप कोशिकाओं में इन उत्पादों में मण्ड, शर्करा एकत्रित होने के कारण क्लोरोप्लास्ट की सतह की उपलब्ध सतह प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रभावित होती है और प्रकाश संश्लेषण की दर में कमी आ जाती है।

(D) पत्ती की आन्तरिक संरचना – पत्तियों के क्लोरोप्लास्ट तक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के सुगमतापूर्वक पहुँचने, विसरण (diffusion) में पत्तियों को आन्तरिक संरचनात्मक लक्षण,

उदाहरण आकार, स्थिति, रन्ध्रों की व्यवस्था, अमाप एवं व्यवहार एवं अन्तराकोशिकीय अवकाशों (intercellular spaces) की मात्रा पर निर्भर करती है ।

और सोधे प्रभावित करती है। उपरोक्त के अतिरिक्त पत्ती को उपलब्ध प्रकाश एवं उसकी आन्तरिक वितरण, शारीरिक लक्षणों उदाहरण— उपत्वचा’ की मोटाई, बाह्यत्वचा , बाह्यत्वचीय रोम की उपस्थिति, पर्ण मध्योतक की व्यवस्था एवं क्लोरोप्लास्ट की स्थिति आदि प्रमुख रूप से सहयोगी होते हैं।

प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) क्या है | कारक,प्रकार और महत्व  Free PDF Notes 2022

प्रकाश संश्लेषण के प्रकार

यह सामान्यतः दो प्रकार के होते है

1.आक्सीजीनिक प्रकाश संश्लेषण

इस प्रकार का प्रकाश संश्लेषण हरे पादपों में होता है। सामान्यतः इस क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ग्रहण कर ऑक्सीजन अवमुक्त होती है।

यह क्रिया कुछ जीवाणु, नील-हरित शैवाल (blue-green algae) में मिलती हैं। इसके अन्तर्गत ऑक्सीजन अवमुक्त होती है, उदाहरण- हरे पौधे एवं सायनोबैक्टीरिया आदि।

2. अनाक्सीजिनिक प्रकाश संश्लेषण

प्रकाश-संश्लेषण (photosynthesis) की यह क्रिया सल्फर जीवाणुओं में होती है। इसके अन्तर्गत ऑक्सीजन (O2) अवमुक्त नहीं होती है।

इसके अन्तर्गत ऑक्सीजन के स्थान पर सल्फर अवमुक्त होती है, उदाहरण- यह प्रकाश-संश्लेषण जीवाणुओं में होता है।

प्रकाश संश्लेषण का महत्त्व क्या है ?

प्रकाश संश्लेषण का महत्व हम विस्तारपूर्वक समझेंगे-

  • भोजन सामग्री का उत्पादन मानव को उपलब्ध लगभग 90% खाद्य पदार्थ, विटामिन आदि पौधों के विभिन्न भागों, उदाहरण तना, पत्ती एवं जड़, फल, फूल एवं बीज आदि से प्राप्त होता है।
  • पौधों से प्राप्त भोज्य पदार्थों कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन से ही सजीव का शरीर निर्माण होता है और विविध जैव-क्रियाओं के निमित्त ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
  • इसमें सर्वप्रथम शर्करा निर्मित होती है। तत्पश्चात अमीनो अम्ल आदि का निर्माण होता है। हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं। वसा एवं प्रोटीन का निर्माण कार्बोहाइड्रेटस से होता है।
  • आहार सम्बंधी आवश्यकताएँ (कार्बोहाइड्रेट्स, वसा एवं प्रोटीन) जंतु एवं पादपों में एक ही प्रकार की होती हैं। पृथ्वी पर कुल प्रकाश-संश्लेषण का 90% भाग जलीय पौधों व शैवालों द्वारा होता है। हरे पौधे ही जीवन का सार है।
  • वायुमण्डल नियन्त्रण श्वसन की क्रिया सभी जीवधारियों में होती है, इस क्रिया में कार्बोहाइड्रेट्स, वसा एवं प्रोटीन के ऑक्सीकरण के फलस्वरूप ऊर्जा के साथ-साथ कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्पादन निरंतर होता रहता है जो वातावरण (वायुमंडल) में मिल जाती है।
  • यदि इस प्रकार CO2 निर्मित होकर वायु में एकत्रित होती रहे तो यह मानव जीवन व अन्य जीवो के लिए भी हानिकारक सिद्ध होगी और जीवन दुर्लभ हो जायेगा और मृत्यु तक को भी सम्भावना बन सकती है।
  • हरे पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग होता है और ऑक्सीजन अवमुक्त होती है। कार्बन डाइऑक्साइड के अपचयन से ही कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण होता है और कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण के साथ ही हरे पौधों में ऑक्सीजन अवमुक्त होती है और वातावरण (वायुमंडल) में मिलती रहती है, और वायु को शुद्ध करती रहती है। ऑक्सीजन जीवन के लिए अत्यावश्यक है।

हमारे आर्टिकल प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) क्या है | कारक,प्रकार और महत्व Free PDF Notes में दी हुई जानकारी के बारे मे आप अपना सुझाव जरूर दें ।

Read More…

प्रजनन क्या है ?

सामान्य ज्ञान के 1000 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

PDF Download Now

शिक्षा मनोविज्ञान और बालविकास के 100 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ट प्रश्नोत्तर | 100+ Psychology Questions in Hindi | Free PDF Notes

प्रकाश संश्लेषण नोट्स अंग्रेजी में https://education.nationalgeographic.org/resource/photosynthesis

1 thought on “प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) क्या है | कारक,प्रकार और महत्व Free PDF Notes 2022”

  1. Pingback: RNA क्या है | RNA कितने प्रकार के होते है , RNA के लक्षण - RNA Free PDF Notes 2022 - Ak Study hub

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *