दोस्तो आमतौर पर देखा जाता है कि लोग कॉलेज पूरा करने के बाद अपने कैरियर से सम्बंधित दूसरों से सलाह लेते है और ज्यादातर चिंतित भी रहते है । क्योंकि उन्हें यह समझ नही आता कि वह किस लाइन में जाएं जिससे कि उनका कैरियर अच्छा हो ।
इसी समस्या के समाधान के लिये आज हम Career Guide in Hindi के माध्यम से आपको 2022-23 में 10 ऐसे ऑप्शन बतायेंगे जिससे आप अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकते है ।
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अगर आपने बताये हुये 10 ऑप्शन में से किसी एक ऑप्शन को अपना लिया तो आपको अपने केरियर को लेकर चिंता करने या अपने मित्र रिश्तेदारों से सलाह मसोहारा करने की जरूरत नही पड़ेगी।
आइये तो जानते है 2022-23 में कैरियर बनाने के 10 ऑप्शन-
इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार अभियांत्रिकी
भारत उन देशों में से है , जिनके पास सबसे ज्यादा तीव्र गति से बढ़ता हुआ दूरसंचार मार्केट है जो लगभग हर महीने 13 लाख उपभोक्ताओं को जोड़ रहा है । यह भारत मे बढ़ते हुये टेलिकॉम मार्केट की अभिबृद्धि को दोगुना कर देती है ।
इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र इंजीनियरिंग व्यवसाय का तेजी से बदलता हुआ व उभरता हुआ क्षेत्र साबित हो रहा है । इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र तकनीकी दक्ष लोगो को अनेक रूप से नोकरी की अवसर प्रदान करता है
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इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में रोजगार और कैरियर की संभावनाएं
- एक इलेक्ट्रोनिक्स एवं टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर Central Govt. (केन्द्र सरकार) राज्य सरकार एवं उनके द्वारा अधिकृत संस्थानों, सेना में और किसी कंपनियों जैसे All India Radio, MTNL, National Physical Laboratory, Bharat Electronics Limited, Railway, Defense आदि में नौकरी पा सकता है।
- इसके अलावा एक इंजीनियर भारत के प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रोफेसर के रूप में शिक्षण क्षेत्र से जुड़कर शोधकार्य कर सकता है। यहाँ उच्च स्तरीय रोजगार संभावनाओं के साथ-साथ मध्यस्तरीय संभावनायें भी हैं।
- भारत एक विश्वस्तरीय VLSI/Embedded System & Digital Signal Processing Design Centre के रूप में प्रसिद्ध हुआ है। इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर 4.5 लाख से 6.5 लाख रुपए के शुरुआती पैकेज के साथ जॉब पा सकते हैं।
Career Guide in Hindi | कैरियर गाइड | 2022-23 में कैरियर बनाने के 10 ऑप्शन
- इसी तरह Mobile Computing Hardware & Mobile Network आदि Telecom Sector के दूसरे महत्वपूर्ण व उभरते क्षेत्र हैं। संभवतया स्नातकोत्तर डिग्री के पश्चात इसमें कैरियर की संभावनायें पर्याप्त होती हैं। जूनियर पोस्ट (सरकारी विभागों के लिए) में इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर के चयन के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया जाता है, जिसके पश्चात इसमें सीधी भर्ती की जाती है।
- केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं से राजपत्रित अधिकारियों का चयन होता है। यू.पी. एस.सी. प्रत्येक वर्ष केन्द्रीय इंजीनियर सर्विसेस के लिए इंजीनियरिंग परीक्षायें आयोजित करता है और राज्य सेवा आयोग अपने राज्य के रिक्त पदों के लिए परीक्षायें आयोजित कर राज्य सेवा इंजीनियरिंग सर्विस के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है। सुरक्षा सेवाओं में नौजवान इंजीनियर्स सेकेंड लेफ्टिनेंट पद से प्रारम्भ करते हैं। प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा भारतीय थल सेना, जल सेना और वायु सेना में इनका चयन किया जाता है। तीनों सेनायें जी.आई. द्वारा इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियर्स की भर्ती करते हैं।
- इसी तरह निजी और सरकारी क्षेत्र के रिक्त पद दैनिक महत्वपूर्ण अखबार और रोजगार समाचार पत्र में विज्ञापित होते हैं। इ.सी.आई.एल. बी.ई.एल., सेन्ट्रल इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, भारतीय रेलवे, परमाणविक ऊर्जा संगठन, हिन्दुस्तान विमान उड्डयन लिमिटेड, नागरिक विमान उड्डयन, मिनिस्ट्री सहायक संचालक पत्र एवं टेलीग्राफ शाखा एवं दूरसंचार एवं इलेक्ट्रोनिक्स इत्यादि रोजगार देने वाले संभावित क्षेत्र हैं।
Career Guide in Hindi | कैरियर गाइड
- इलेक्ट्रोनिक अभियंता इलेक्ट्रोनिक पुर्जों के निर्माण एवं उनके घटकों के निर्माण के द्वारा अपना स्व-व्यवसाय प्रारंभ कर सकते हैं। वे खुद अपनी सर्विस सेंटर तैयार कर सकते हैं, जिसमें टेलीविजन, रिसीवर, एमप्लीफायर एवं रिकॉर्डिंग के उपकरणों के रखरखाव तथा बड़े संगठनों के लिए बाहरी क्रियाकलापों की देखरेख कर सके।
- चूंकि इलेक्ट्रोनिक एक गहन प्रायोगिक एवं कार्यकुशलता से संबंधित क्षेत्र है, इस वजह से कम प्रारंभिक लागत में ज्यादा फायदा मिलता है। अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने हेतु बैंकों एवं लघु उद्योग विकास निगम से ऋण भी लिया जा सकता है।
- साधारणतया सभी इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन के छात्र-छात्राओं को कॉलेज से ही किसी न किसी कंपनी में नियुक्ति मिल जाती है। इनमें से कुछ छात्र-छात्रायें सरकारी क्षेत्रों में चले जाते हैं।
- इसके अलावा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में उच्च शिक्षा जैसे नेटवर्किंग सर्टिफिकेशन जैसे सिस्को, सन सर्टिफिकेशन आदि के साथ ही विद्यार्थी अच्छे अवसर ग्रहण कर अच्छे पैकेज एवं उन्नति पा सकते हैं।
रोजगार देने बाले प्रमुख संस्थान
- वोडाफोन
- एयरटेल
- रियालन्स जिओ
- आईडिया
- एल जी लिमिटेड
- सैमसंग लिमिटेड
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
- मारुति
- इंफोसिस आदि
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
मेकेनिकल इंजीनियरिंग तकनीकी शिक्षा की आधारभूत शाखाओं में से एक विश्व व्यापी रूप में देखा जाय तो यह लगभग उन सभी तकनीकों शिक्षा के क्षेत्र में लागू होती है ,
जो मशीनरी एवं उत्पाद निर्माण के लिये उपयोग की जाती है इस शाखा का उपयोग तकनीकी शिक्षा के लगभग सभी क्षेत्रों में किया जाता है ।
मैकनिकल इंजीनियरिंग भविष्य की जरूरतों को देखते हुये नये उत्पादों का निर्माण एवं जो उपभोक्ता की नजरों में खरी उतरे जैसे कि वाहन निर्माण ,औधोगिकरण आदि के निर्माण में कार्यरत है ।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में नोकरियां ओर रोजगार
मैकेनिकल इंजीनियरिंग के उपयोग का विस्तार हम औद्यौगिकीकरण के रूप में देख रहे हैं। भारत सरकार की Make In India की नीति से बहुत से नये रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
इसमें आने वाले समय में और अधिक विस्तार होगा एवं 15 लाख करोड़ रुपए के नये निवेश की संभावनाएं हैं। भविष्य में भारतीय उद्योग क्षेत्र में लगभग 25 लाख नये रोजगार उत्पन्न होंगे।
सेना, पीडब्लूडी, विमान प्रोद्यौगिकी क्षेत्र, ऑटोमोबाइल, रेलवे, ताप विद्युत संयंत्र, कृषि क्षेत्र एवं नाभिकीय संयंत्र में भी मैकेनिकल इंजीनियरों की जरूरत है। Career Guide in Hindi
मैकेनिकल इंजीनियर की शुरुआती आय 5 लाख रुपये से 8 लाख रुपये हर साल होती है, जो कि दो से तीन सालों में अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग निजी एवं शासकीय उद्योगों के क्षेत्र में पांव पसार रहा है, जैसे प्रोडक्शन, प्लानिंग एवं क्वॉलिटी कंट्रोल, परिणाम एवं अनुसंधान के क्षेत्र में भी नौकरी की संभावनायें हैं।
बड़ी-बड़ी मशीनों एवं कल-पुर्जों के क्षेत्र में भी मैकेनिकल इंजीनियर अपना योगदान दे रहे हैं, जैसे ये बड़े-बड़े जहाजों, पनडुब्बियों के निर्माण में भी सहायक हैं।
कृषि क्षेत्र में भी मैकेनिकल इंजीनियर की जरूरत पड़ती है। जैसे ट्रैक्टर के रखरखाव, पंप एवं इलेक्ट्रिक मोटर के रखरखाव में भी मैकेनिकल इंजीनियर की जरूरत पड़ती है। स्टील, सीमेंट, नवनिर्माण एवं रखरखाव एवं नाभिकीय संयंत्रों में बड़े पैमाने पर मैकेनिकल इंजीनियर की जरूरत है।
रोजगार देने वाले प्रमुख संस्थान
- जे०के० सीमेंट
- हिंदुस्तान कारप्रोरेशन
- हैवेल्स लिमिटेड
- गोदरेज लिमिटेड
- हिंदुस्तान ग्लास लिमिटेड
- जे०के०टायर आदि
सिविल इंजीनियरिंग
अभियांत्रिकी के पुराने विभागों में सिविल इंजीनियर एक विभाग है। यह विभाग योजना रूपरेखा और संरचना निर्माण के क्षेत्र में कार्य करता है।
इससे जुड़े इंजीनियर रूपरेखा निर्माण कार्यों की देखरेख और निर्माण के अलग-अलग कार्यों जैसे लोक निर्माण कार्य, सडक निर्माण कार्य, भवन निर्माण, बांध सेतु निर्माण आदि के क्षेत्रों में काम करते हैं।
Career Guide in Hindi
इस क्षेत्र में कई गुना चुनौती भरे अवसर है। अवसरों का वृहद रूप जल संसाधन कार्य, बांध निर्माण, रेल, रोड, सेतु वाई अड्डा निर्माण में दिखता है। एक सिथित इंजीनियर निर्माण में होने वाले योजना कार्य, रूपरेखा कार्य निर्माण कार्यों आदि के लिये जिम्मेदार होता है।
एक सिविल इंजीनियर मे न केवल अच्छे उच्च स्तर के अभियांत्रिकी कर ज्ञान होना चाहिए बल्कि साथ ही साथ प्रशासनिक एवं प्रबंधन का भी ज्ञान होना चाहिए।
सिविल इंजीनियर के रूपरेखा कार्यों के अन्तर्गत निर्माण क्षेत्र का अवलोकन, समस्याओं का समाधान, भूमि एवं मृदा का अवलोकन एवं उस स्थानीय वातावरण के अनुसार संरचना का निर्माण करना आता है। पिछले पांच वर्षों से सिविल व निर्माण के क्षेत्र में प्रगति हुई है।
अशासकीय निर्माण कंपनियां बहुसंख्या में सिविल इंजीनियर को नौकरी दे रही है। एक स्नातक पारी सिविल इंजीनियर प्रतिवर्ष 4.25 लाख से 6.75 लाख तक कमा सकता है। वेतन व सुविधा कंपनी और उसकी गुप्ता पर निर्भर करती है।
सिविल इंजीनियर निर्माण के प्रारंभ में स्थानीय प्रशासन से निमार्ण की अनुमति लेता है एवं सारे निर्माण के नियमों का पालन करते हुए निर्माण कार्य की रूपरेखा बनाता है।
निर्माण कार्यों में होने वाले व्यय की रूपरेखा तैयार कर ठेकेदार एवं अन्य निर्माण के कार्यों से जुड़े लोगों से संपर्क करता है। यह निर्माण में प्रयुक्त होने वाले निर्माण सामग्री और निर्माण की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करता है।
सिविल इंजीनियर का काम निर्माण के रखरखाव और पुनः निर्माण से जुड़ा होता है। सिविल इंजीनियर के प्रमुख क्षेत्रों में निम्नलिखित क्षेत्र आते हैं संरचना अत संसाधन एवं सिंचाई, यातायात, निर्माण, अभियांत्रिकी प्रबंधन, मुदा इंजीनियरिंग, समुद्री इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग एवं दूसरी अन्य इंजीनियरिंग क्षेत्रों के साथ तालमेल भी है।
सिविल इंजीनियर शासकीय विभागों के निर्माण कार्यों में प्रबंधक के रूप में, एक क्षेत्र इंजीनियर के रूप में साथ ही साथ एक शिक्षक के तौर पर नौकरी पा सकते हैं।
वे एक स्वतंत्र तकनीकी व निर्माण के सलाहकार के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। वर्तमान में पुराने समय से अच्छा अवसर सिविल इंजीनियर के क्षेत्र में चल रहा है। सिर्फ निर्माण के क्षेत्र में 6,00,00,000 करोड़ रुपये का सालाना निवेश है। लगभग 70,000 सिविल इंजीनियर प्रतिवर्ष चाहिए।
सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद एक इंजीनियर सड़क निर्माण, भवन निर्माण, कार्य सलाहकार, संस्थान प्रयोगशाला इत्यादि में नौकरी देखता है। एक अनुभवी सिविल इंजीनियर की विकसित देशों में बहुत मांग है। बहुत सारी भारतीय कंपनियां अन्तर्राष्ट्रीय परियोजनाओं के कॉन्ट्रेक्ट ले रही है।
रोजगार देंने वाले संस्थान
नौकरी के क्षेत्र सिविल इंजीनियरिंग, R.W.D विभाग, NHAI विभाग, रेलवे, लोक सेवा आयोग, शासकीय क्षेत्र, प्राइवेट निर्माण क्षेत्र आदि में नौकरी के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकते हैं जैसे L&T, GVK. GMR, HCC. ANSAL, DLF, GAMMON आदि
फार्मेसी
एक योग्य शिक्षित Pharmacists के सामने अनेक व्यवसाय से संबंधित अवसर होते है जैसे मार्केटिंग एवं सेल्स रिसर्च क्वॉलिटी कंट्रोल, उत्पादन या अन्य संबंधित कार्य । रक्त प्लाज्मा, हीमोग्लोबिन, रक्त के जमाव कुछ अछूते क्षेत्र हैं, जहां नई दवाओं पर रिसर्च की ढेरों संभावनायें हैं।
फार्मेसी का बाजार खरबों रूपयों का बाजार है। सबसे महत्वपूर्ण बात जो है कि यह बाजार आर्थिक मंदी से अछूता है। इसी कारण से इस क्षेत्र में प्रशिक्षित उम्मीदवारों की जरूरत बनी रहती है।
रोजगार देने वाली संस्थायें
- Cipla
- SUN Pharma
- Aurobindo Pharma
- Taro Pharma
- Mankind
- Biocon
नर्सिंग
नर्सिंग शब्द से आज का इंसान अनभिज्ञ नहीं है। मानवता की सेवा से जुड़ा यह पेशा एक उत्कृष्ट कार्य का अवसर देता है। हर एक व्यक्ति कहीं न कहीं नर्सिंग शब्द से जुडा हुआ है। नर्सिंग में कला और विज्ञान का समावेश है।
नर्सिंग एक ऐसा कार्य क्षेत्र है जो फ्लोरेंस नाइटिंगल की याद दिलाता है। पूरी दुनिया निसंदेह यह एक आदर्श कार्यक्षेत्र है। यह एक कला है जिसमें बीमार की सेवा स्वास्थ्य विज्ञान के द्वारा की जाती है। नर्सिंग किसी स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण घटक है।
नर्सिंग में व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से योगदान करना पड़ता है। जो इस क्षेत्र को चुनते हैं उन्हें धैर्यवान, साहसी, सेवाभावी व हमेशा कार्य तत्पर होना चाहिये। दूसरों की सेवा करने की भावना से युक्त लोगों के लिए यह एक बेहतरीन कार्यक्षेत्र है।
नर्सिंग वास्तव में दुनिया के बेहतरीन व्यवसायों में से एक है। यह स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के विज्ञान के साथ-साथ बीमार लोगों की देखभाल करने की कला भी है। यह चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटक है।
नर्सिंग में रोजगार की अपार संभावनायें है। नर्सिंग का कोर्स करने के बाद दे अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, हेल्थ विभागों, अनाथालयों में सम्मानजनक रोजगार पा सकते हैं, जहां वे अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, साथ ही अच्छी आय भी प्राप्त कर सकते हैं।
नर्सिंग में व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से योगदान करना पड़ता है। जो इस क्षेत्र को चुनते हैं उन्हें धैर्यवान, साहसी, सेवाभावी व हमेशा कार्य तत्पर होना चाहिये। दूसरों की सेवा करने की भावना से युक्त लोगों के लिए यह एक बेहतरीन कार्यक्षेत्र है।
स्वास्थ्य सेवाओं में मरीज की चिकित्सकीय देखभाल की जरूरत होती है जिसे एक प्रशिक्षित नर्स द्वारा ही किया जा सकता है। आज भी अपने देश में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मेडिकल की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है।
अब सरकार का ध्यान इस दिशा में गया है और यही कारण है कि आने वाले समय में सरकारी व निजी क्षेत्रों में नर्सिंग व्यवसाय में रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में जैसे-जैसे सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट नर्सिंग होम की संख्या बढ़ेगी, नर्सिंग में रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ती जाएंगी।
रोजगार सी जुड़ीं हुई संस्थायें
बड़े शहरों में नर्सिंग में कैरियर के अधिक अवसर हैं। बड़े सरकारी संस्थानों में, बड़े सरकारी अस्पतालों में तो नर्स की खासी मांग है, निजी क्षेत्र के बड़े अस्पतालों जैसे मेदांता, फोर्टिस, अपोलो आदि में भी नर्सिंग में रोजगार के बेहतर मौके उपलब्ध हैं। नर्सिंग कैरियर हालांकि महिलाएं अधिक कार्यरत हैं, लेकिन अब पुरुष नर्सों की मांग भी लगातार बढ़ रही है।
विदेशों में नर्स की अच्छी-खासी डिमांड है, क्योंकि भारतीय नर्सों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मानवीय संवेदनाओं से युक्त माना जाता है, जोकि इस व्यवसाय का मूलमंत्र है। विदेशों जैसे कनाडा, अमेरिका, खाड़ी देशों में भारतीय नर्सों को लाखों रुपए का वेतन मिलता है।
फिजिकल एजुकेशन
शारीरिक शिक्षा के माध्यम से स्कूल में पी.टी.ई. टीचर, महाविद्यालय में स्पोर्ट ऑफिसर, जिम ट्रेनर एवं अन्य रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं।
आने वाले समय में भारत सरकार द्वारा फिजिकल एजुकेशन सभी स्कूलों में अनिवार्य होगी, जिससे रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
फिजिकल एजुकेशन का महत्व आज की आधुनिक जीवनशैली में पहले से कहीं अधिक है। शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त होना आज की भागदौड़ वाली जिंदगी की पहली जरूरत है।
अधिकांश विद्यालयों, कॉलेजों में फिजिकल एजुकेशन की कक्षाएं होती हैं और इसके लिए प्रशिक्षित व्यक्तियों की मांग बढ़ी है। कस्बे शहरों में बड़ी संख्या में संचालित किए जा रहे जिम में भी फिजिकल एजुकेशन में पारंगत प्रोफेशनलों की खासी डिमांड है।
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